कहीं आपके घर में तो नहीं है पितृ दोष जानिए लक्षण kahin aapke ghar me to nahi hai pitra dosh jaaniye lakshan

  दोस्तों नमस्कार ,एक बार फिर हाजिर हूँ एक नए विषय के साथ।
Roman hindi me padhne ke liye post ke neeche ki taraf jaayen जैसा की मेरे टाइटल से पता  चल रहा होगा की आज हम किस बारे में बात करेंगे।  दोस्तों आज हम बात करेंगे पितृदोष  की। पितृ दोष क्यूं होता है,  पितृ दोष के संकेत क्या हैं, पितृ दोष की पूजा कैसे होती है, पितृ दोष के मंत्र क्या होते हैं, पितृ दोष कब लगता है इनका हमारे जीवन पर  क्या प्रभाव होता  है  और दूर  करने   के क्या उपाय होते हैं।  तो आइये इसके बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं 

पितृदोष क्या होता है 
किसी की जन्मपत्री में अगर सूर्य पर शनि,राहु ,या केतु की दृष्टि या युति हो  रही हो तो  जातक की कुंडली में पितृदोष की उपस्थिति मानी जाती है। इसके अलावा भी व्यक्ति कभी कभी अपने कर्मो से इस दोष का निर्माण कर लेता है। इसके  अलावा और भी कई स्थितियां होती है जब पितृदोष का निर्माण होता है लेकिन वो जटिल विषय है। हम ज्यादा  गंभीरता में नहीं जायेंगे। 

पितृदोष होने से क्या  होता है 
अगर किसी  व्यक्ति के  ऊपर  पितृदोष  होता है  तो उसकी तरक्की रुक जाती है ,बनते हुए काम अचानक बिगड़ने लगते हैं ,घर से खुशिआं रूठ सी जाती हैं. किसी भी शुभ कर्म में बाधा आ जाती है। हर तरह से लायक होने  के बावजूद  वो सफलता नहीं मिल पाती जिसके  आप हकदार है  आदि। 

कैसे जाने की आपके ऊपर पितृदोष है : लक्षण 
जिनके ऊपर पितृदोष होता है वो ज्यादा कर्मवादी या भाग्यवादी होते है ,सफलता प्राप्त होने पर खुद की मेहनत को जिम्मेदार मानते हैं ,पार्टी करके अपनी मेहनत और सफलता का गुणगान करते हैं ,दूसरों को प्रेरणा देने के लिए अपना उदाहरण देते हैं ,आत्मप्रशंसा पर मुग्ध होते हैं।  चेहरे तथा शरीर से रौबदार  व प्रभावशाली होते हैं ,उनके हाथ पैर हिलाने का अंदाज अलग होता है ,हमेशा अधलेटी अवस्था में बैठते हैं ,हमेशा बुराई करते हैं।    २८  से ३४ साल की अवस्था में इन्हे विशेष सफलता मिलती है।  39 से 45 के बाद पतन शुरू हो जाता है।  पुत्र के 11 महीने या 11 साल का होने  पर और  हानि होती  है ,कभी कभी किसी अंग विशेष में दर्द होता है। ये लोग घर में प्रकाश करने के लिए अतिरिक्त झरोखा   भी बनवाते है और  घर में ही हवन  कुंड का निर्माण कराते हैं। 

अगर ये सब लक्षण किसी में हैं तो निम्न उपाय के द्वारा  उसको दूर करके अपनी खुशियों को दुबारा प्राप्त कर सकते हैं 



पितृदोष को दूर करने के अचूक उपाय 

1.  अपने घमंड को छोड़ देना चाहिए। 

2 . गायत्री यज्ञ  और दान घर के सभी लोग मिलकर करें। 

3 . मीठा खाकर और पानी पीकर ही घर से बाहर निकले। 

4 . पत्नी से विशेष प्रेम करें। 

5 . चांदी धारण करें। पिता या पिता समान की सेवा करें। 

6 . प्रतिदिन बाएं हाथ में हल्दी लेकर ,हल्दी की माला से "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं  सः गुरवे नमः " मंत्र का  108 बार जप करें। 
7 . अमावश्या के दिन उपरोक्त चीजों से हवन  करें , हल्दी के साथ साथ  बाएं हाथ में 1 या 2  रु का सिक्का भी रखें।  घर के सभी लोग साथ में मिलकर करें।पैसे को मंदिर में दान करदें और हल्दी और हवन  सामग्री को जल या किसी नदी में प्रवाहित कर दें। 

उपरोक्त चीजों को करने से आपकी पितृदोष की समस्या अवश्य दूर हो जाएगी।  मेरी और भी पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें।  फिर मिलता हूँ एक नयी पोस्ट और नए विषय के साथ। धन्यवाद। 


 

Doston namaskaar ,ek baar fir haajir hoon ek na_e  viṣay ke saath. Jaisaa kee mere ṭaa_iṭal se pataa  chal rahaa hogaa kee aaj ham kis baare men baat karenge. Doston aaj ham baat karenge pitridoṣ  kee.  Pitra dosh kyun hota hai, Pitra dosh ke sanket kya hai, pitra dosh ki puja kaise hoti hai, pitra dosh ke manta kya hote hai, pitra dosh kab lagta hai.  inakaa hamaare jeevan par  kyaa prabhaav hotaa  hai  aur door  karane   ke kyaa upaay hote hain. 

To aaiye isake baare men vistaar se charchaa karate hain 

pitridoṣ kyaa hotaa hai 

kisee kee janmapatree men agar soory par shani,raahu ,yaa ketu kee driṣṭi yaa yuti ho  rahee ho to  jaatak kee kunḍaalee men pitridoṣ kee upasthiti maanee jaatee hai. Isake alaavaa bhee vyakti kabhee kabhee apane karmo se is doṣ kaa nirmaaṇa kar letaa hai. Isake  alaavaa aur bhee ka_ii sthitiyaan hotee hai jab pitridoṣ kaa nirmaaṇa hotaa hai lekin vo jaṭil viṣay hai. Ham jyaadaa  gnbheerataa men naheen jaayenge.

 Pitridoṣ hone se kyaa  hotaa hai 

agar kisee  vyakti ke  oopar  pitridoṣ  hotaa hai  to usakee tarakkee ruk jaatee hai ,banate hue kaam achaanak bigadane lagate hain ,ghar se khushiaan rooṭh see jaatee hain. Kisee bhee shubh karm men baadhaa aa jaatee hai. Har tarah se laayak hone  ke baavajood  vo safalataa naheen mil paatee jisake  aap hakadaar hai  aadi. 

Kaise jaane kee aapake oopar pitridoṣ hai  lakṣaṇa 

jinake oopar pitridoṣ hotaa hai vo jyaadaa karmavaadee yaa bhaagyavaadee hote hai ,safalataa praapt hone par khud kee mehanat ko jimmedaar maanate hain ,paarṭee karake apanee mehanat aur safalataa kaa guṇaagaan karate hain ,doosaron ko preraṇaa dene ke lie apanaa udaaharaṇa dete hain,aatmaprashnsaa par mugdh hote hain. Chehare tathaa shareer se raubadaar  v prabhaavashaalee hote hain ,unake haath pair hilaane kaa andaaj alag hotaa hai ,hameshaa adhaleṭee avasthaa men baiṭhate hain ,hameshaa buraa_ii karate hain. 28  se 34 saal kee avasthaa men inhe visheṣ safalataa milatee hai. 39 se 45 ke baad patan shuroo ho jaataa hai. Putr ke 11 maheene yaa 11 saal kaa hone  par aur  haani hotee  hai ,kabhee kabhee kisee ang visheṣ men dard hotaa hai. Ye log ghar men prakaash karane ke lie atirikt jharokhaa   bhee banavaate hai aur  ghar men hee havan  kunḍa kaa nirmaaṇa karaate hain. 

Agar ye sab lakṣaṇa kisee men hain to nimn upaay ke dvaaraa  usako door karake apanee khushiyon ko dubaaraa praapt kar sakate hain 


pitridoṣ ko door karane ke achook upaay 

1. Apane ghamnḍa ko chhor denaa chaahie. 

2 . Gaayatree yagy  aur daan ghar ke sabhee log milakar karen. 

3 . Meeṭhaa khaakar aur paanee peekar hee ghar se baahar nikale.

 4 . Patnee se visheṣ prem karen. 

5 . Chaandee dhaaraṇa karen. Pitaa yaa pitaa samaan kee sevaa karen.

 6 . Pratidin baa_en haath men haldee lekar ,haldee kee maalaa se "om graan green graun  sah gurave namah " mntr kaa  108 baar jap karen. 

7 . Amaavashyaa ke din uparokt cheejon se havan  karen , haldee ke saath saath  baa_en haath men 1 yaa 2  ru kaa sikkaa bhee rakhen. Ghar ke sabhee log saath men milakar karen. Paise ko mndir men daan karaden aur haldee aur havan  saamagree ko jal yaa kisee nadee men pravaahit kar den. 

Uparokt cheejon ko karane se aapakee pitridoṣ kee samasyaa avashy door ho jaa_egee.

Fir milataa hoon ek nayee posṭ aur na_e viṣay ke saath. 
Dhanyavaad


अगर आप भी इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैं तो करें ये उपाय agar aap bhi immunity badhana chahate hain to karen ye upay

नमस्कार दोस्तों , एक बार मैं पुनः हाजिर हूँ एक नए टॉपिक  के साथ जिसका जिक्र हम आज की पोस्ट में आप लोगों के साथ करेंगे। roman hindi me padhne ke liye post ke neeche ki taraf jaayen दोस्तों आजकल हम लोग जिस महामारी से लड़ रहे हैं उसके ऊपर कई देशों में और हमारे यहाँ भी कई वैज्ञानिक  शोध कार्य में लगे हुए हैं लेकिन अभी तक इसका कोई भी इलाज ,या दवा नहीं आ पायी है ,इसमें अभी तक कोई कामयाबी शोधकर्ताओं को नहीं मिल पायी है। लेकिन हमारे माननीय प्रधानमंत्री जी  ने और आयुष मंत्रालय ने कहा है कि  जब तक कोई दवा न बन जाये तब तक आयुष मंत्रालय के द्वारा सुझाये गए उपायों को अपनाना चाहिए।  तो दोस्तों क्या है वो आयुष मंत्रालय द्वारा सुझाये गए तरीके जिससे हम अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं तो आज हम इसी के बारे में बात करेंगे  और जानेंगे की कैसे इसको अपनी दिनचर्या में शामिल करके अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते हैं और इस महामारी से अपने आप को बचा सकते हैं.  तो दोस्तों नीचे लिखे इन चीजों को आप भी  अपनी दिनचर्या में शामिल करिये और आयुष मंत्रालय के द्धारा   जारी किये गए इन  रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाने वाले टिप्स (उपाय ) को अपनी दिनचर्या में। 

१.  पूरे दिन  गरम ( हल्का ) पानी पियें। 

२ . प्रतिदिन  योगाभ्यास करें ( जिसमें  कम से कम ३० मिनट योगासन और प्राणायाम शामिल हो ) . 

३. प्रतिदिन  सुबह सुबह  एक चम्मच ( लगभग  १० ग्राम  ) च्यवनप्राश  का सेवन करें।  मधुमेह के रोगी शुगर फ्री च्यवनप्राश का प्रयोग करें। 

४. प्रतिदिन खाना  पकने में जीरा,धनिया  लहसुन और हल्दी का प्रयोग करें। 

५. दूध में हल्दी को उबाल कर पीयें।  १५० मिलि  दूध  में आधा  चम्मच  हल्दी मिलाएं।  आप इसे दिन में दो बार पे सकते हैं। 

६.  काली मिर्च , दालचीनी , सौंठ, मुनक्का  और तुलसी  का काढ़ा बनाकर  दिन में एक या दो बार पी सकते हैं।   स्वादानुसार इसमें गुड़ या नींबू  भी मिलाया  जा सकता है। 

७. एक चम्मच नारियल तेल या टिल के तेल को मुंह में दाल कर  दो तीन मिनट तक मुंह में घुमाएं। फिर थूंक दें ,ऐसा दिन में  एक या दो बार कर सकतें हैं। इसे आयुर्वेद में ऑइल पुलिंग के नाम से जाना जाता है. इससे मुंह सम्बन्धी कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। 

८. नारियल तेल या तिल तेल या घी  को  दोनों नासा छिद्रों में लगाएं।  ऐसा दिन में एक या दो बार कर सकते हैं। 

९. अगर खांसी आ रही हो या गला ख़राब हो तो अजवाइन  या ताजे पुदीने की भाप  दिन में एक या दो बार लें। लौंग के पाउडर को सहद या चीनी के साथ   मिलाकर दिन में एक या दो बार ले सकते हैं। 

ऊपर दिए गए क्रमांक ९ में उपाय आम खांसी,  जुखाम के लिए हैं।  फिर भी अगर किसी को ऐसे लक्षण दिखाई दें तो आपको सलाह दी  जाती है की आप  चिकित्सक की सलाह लें और उसका पालन करें। 
 तो आज आपने जाना की अपनी इम्युनिटी को बूस्ट करने के लिए हमें क्या करना चाहिए।  मेरी और भी पोस्ट पढ़ने के लिए क्लिक   करें।  


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Immunity badhane ke upay



Namaskaar doston , ek baar main punah haajir hoon ek na_e ṭŏpik  ke saath jisakaa jikr ham aaj kee posṭ men aap logon ke saath karenge. Doston aajakal ham log jis mahaamaaree se lad rahe hain usake oopar ka_ii deshon men aur hamaare yahaan bhee ka_ii vaigyaanik  shodh kaary men lage hue hain lekin abhee tak isakaa koii bhee ilaaj ,yaa davaa naheen aa paayee hai ,isamen abhee tak koii kaamayaabee shodhakartaa_on ko naheen mil paayee hai. Lekin hamaare maananeey pradhaanamntree jee  ne aur aayuṣ mntraalay ne kahaa hai ki  jab tak koii davaa n ban jaaye tab tak aayuṣ mntraalay ke dvaaraa sujhaaye ga_e upaayon ko apanaanaa chaahie. To doston kyaa hai vo aayuṣ mntraalay dvaaraa sujhaaye ga_e tareeke jisase ham apanee imyuniṭee ko baḍhaa sakate hain to aaj ham isee ke baare men baat karenge  aur jaanenge kee kaise isako apanee dinacharyaa men shaamil karake apanee imyuniṭee ko baḍhaa sakate hain aur is mahaamaaree se apane aap ko bachaa sakate hain. 

To doston neeche likhe in cheejon ko aap bhee  apanee dinacharyaa men shaamil kariye aur aayuṣ mntraalay ke ddhaaraa   jaaree kiye ga_e in  rog pratirodhak shakti ko baḍhaane vaale ṭips (upaay ) ko apanee dinacharyaa men.

 1. Poore din  garam ( halkaa ) paanee piyen. 

2 . Pratidin  yogaabhyaas karen (jisamen  kam se kam 30 minaṭ yogasan aur praṇaayaam shaamil ho ) . 

3. Pratidin  subah subah  ek chammach ( lagabhag  10 graam ) chyavanapraash  kaa sevan karen. Madhumeh ke rogee shugar free chyavanapraash kaa prayog karen. 

4. Pratidin khaanaa  pakane men jeeraa,dhaniyaa  lahasun aur haldee kaa prayog karen. 

5. Doodh men haldee ko ubaal kar peeyen. 150 mili  doodh  men aadhaa  chammach  haldee milaa_en. Aap ise din men do baar pe sakate hain. 

6. Kaalee mirch , daalacheenee , saunṭh, munakkaa  aur tulasee  kaa kaaḍhaa banaakar  din men ek yaa do baar pee sakate hain. Svaadaanusaar isamen gud yaa neenboo  bhee milaayaa  jaa sakataa hai. 

7. Ek chammach naariyal tel yaa ṭil ke tel ko munh men daal kar  do teen minaṭ tak munh men ghumaa_en. Fir thoonk den ,aisaa din men  ek yaa do baar kar sakaten hain. Ise aayurved men ŏil puling ke naam se jaanaa jaataa hai. Isase munh sambandhee ka_ii beemaariyaan ṭheek ho jaatee hain.

 8. Naariyal tel yaa til tel yaa ghee  ko  donon naasaa chhidron men lagaa_en. Aisaa din men ek yaa do baar kar sakate hain. 

9. Agar khaansee aa rahee ho yaa galaa kharaab ho to ajavaa_in  yaa taaje pudeene kee bhaap  din men ek yaa do baar len. Laung ke paa_uḍaar ko sahad yaa cheenee ke saath   milaakar din men ek yaa do baar le sakate hain. meri aur bhi post padhne ke liye click karen

Oopar die ga_e kramaank 9 men upaay aam khaansee,  jukhaam ke lie hain. Fir bhee agar kisee ko aise lakṣaṇa dikhaa_ii den to aapako salaah dee  jaatee hai kee aap  chikitsak kee salaah len aur usakaa paalan karen. To aaj aapane jaanaa kee apanee imyuniṭee ko boosṭ karane ke lie hamen kyaa karanaa chaahie.

हनुमान चालीसा के सिद्ध और चमत्कारी उपाय भाग २ hanumaan chalisa ke sidh aur chamatkari upay PART 2

हनुमान चालीसा के सिद्ध और चमत्कारी उपाय।  हम लोग चर्चा कर रहें  है  भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में वर्णित हनुमान चालीसा के सिद्ध और  चमत्कारी  उपाय के बारें में।  मेरी पिछली पोस्ट में आप लोगों ने पढ़ा कि कैसे  हनुमान  चालीसा में वर्णित  चौपाइयों के माध्यम से हम  अपने बिगड़े काम को बनाते हैं , कैसे पढाई और प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं   और साथ ही हमने जाना की कैसे हम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।  तो आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि  कोर्ट कचहरी  के चक्कर से मुक्ति पाने के लिए और धन संपत्ति के लिए तथा हमारे परिव्वर में  बानी रहे उसके लिए हमें हनुमान चालीसा के कौन से सिद्ध और अनुभूत उपाय करने चाहिये। आप लोग खुद भी इसे आजमाएं और अपने शुभचिंतकों  को भी  इसके बारे में जानकारी प्रदान करें। 

 हनुमान चालीसा के इन उपायों के बारे में सभी को पता होना चाहिए।  भगवान् हनुमान को संकट मोचक कहा जाता है इसलिए वो हम सभी के जीवन के हर एक कष्टों को अवश्य दूर  करेंगे  और जीवन में शुभता की वृद्धि करेंगे, मनवांछित सफलता दिलायेंगे।   तो आइये जानते हैं उन चमत्कारी उपायों के बारें में :-

कोर्ट कचहरी के चक्कर से मुक्ति के लिए करें ये प्रयोग   

"जो  शत  बार पाठ कर कोई ,छूटहिं  बंदि महासुख होई। " अगर कोई व्यक्ति कोर्ट  कचहरी के चक्कर  काट काट कर थक चुका है  और  शीघ्र  अतिशीघ्र  इन चक्करों से छुटकारा पाना चाहता है तो ऊपर लिखी चौपाई को पूर्व की दिशा  में  मुंह करके १०८ बार जाप करे  और  भगवान  संकट मोचक हनुमान जी को  लड्डू , बनारसी पान और लौंग का भोग लगायें  और  प्रसाद को लोगों में बाँट दें।  ईश्वर की कृपा से जल्द ही कोर्ट कचहरी के चक्कर  से मुक्ति मिल जाएगी। 


धन संपत्ति को प्राप्त  लिए करें ये उपाय  

" अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता , अस वर दीन्हि जानकी माता। " 

माता जानकी के वरदान स्वरुप संकट मोचक हनुमान जी  आठ सिद्धियों और नौ निधिओं को प्रदान करने वाले हैं  अतः अगर को धन संपत्ति चाहिए हो तो श्रद्धा पूर्वक  उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके उपरोक्त चौपाई का १०८ बार जप करे और हनुमान जी को सूजी या आटे का हलवा भोग लगाए और आशीर्वाद स्वरुप  हनुमान जी सुख संपत्ति की कामना करे।  हनुमान जी आपकी इच्छा जरूर पूरो करेंगे। 


परिवार में प्यार और  एकता के लिए 

"रघुपति कीन्हीं   बहुत बड़ाई , तुम मम प्रिय भरतहिं सम भाई। " 

आजकल परिवार में एकता बनी रहे और परिवार वालों   में आपस  में प्रेम बना रहे, ऐसी  कामना सभी लोगों में होती है लेकिन बढ़ते तनाव और एकल परिवार की वजह से रिश्तों में दरार आ जाती है।  अतः घर में प्यार और  एकता के  लिए उपरोक्त चौपाई को १०८ बार पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके पाठ  करें। और हनुमान  जी को  पेड़े और तुलसी का   भोग लगाएं।  परिवार में प्यार और एकता बनी रहेगी और लोग एक दूसरे का सम्मान जरूर करेंगे। 





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हनुमान चालीसा के सिद्ध प्रयोग 





Hanumaan chaaleesaa ke siddh aur chamatkaaree upaay. Ham log charchaa kar rahen  hai  bhaarateey jyotiṣ shaastron men varṇait hanumaan chaaleesaa ke siddh aur  chamatkaaree  upaay ke baaren men. Meree pichhalee posṭ men aap logon ne paḍhaa ki kaise  hanumaan  chaaleesaa men varṇait  chaupaa_iyon ke maadhyam se ham  apane bigade kaam ko banaate hain , kaise paḍhaa_ii aur pratiyogee pareekṣaa men safalataa praapt kar sakate hain   aur saath hee hamane jaanaa kee kaise ham svaasthy laabh praapt kar sakate hain. 

To aaj kee is posṭ men ham jaanenge ki  korṭ kachaharee  ke chakkar se mukti paane ke lie aur dhan snpatti ke lie tathaa hamaare parivvar men  baanee rahe usake lie hamen hanumaan chaaleesaa ke kaun se siddh aur anubhoot upaay karane chaahiye. Aap log khud bhee ise aajamaa_en aur apane shubhachintakon  ko bhee  isake baare men jaanakaaree pradaan karen. 

Hanumaan chaaleesaa ke in upaayon ke baare men sabhee ko pataa honaa chaahie. Bhagavaan hanumaan ko snkaṭ mochak kahaa jaataa hai isalie vo ham sabhee ke jeevan ke har ek kaṣṭon ko avashy door  karenge  aur jeevan men shubhataa kee vriddhi karenge, manavaanchhit safalataa dilaayenge. To aaiye jaanate hain un chamatkaaree upaayon ke baaren men -

korṭ kachaharee ke chakkar se mukti ke lie karen ye prayog   

"jo  shat  baar paaṭh kar koii ,chhooṭahin  bndi mahaasukh hoii. " 

agar koii vyakti korṭ  kachaharee ke chakkar  kaaṭ kaaṭ kar thak chukaa hai  aur  sheeghr  atisheeghr  in chakkaron se chhuṭakaaraa paanaa chaahataa hai to oopar likhee chaupaa_ii ko poorv kee dishaa  men  munh karake 108 baar jaap kare  aur  bhagavaan  snkaṭ mochak hanumaan jee ko  laḍaḍaoo , banaarasee paan aur laung kaa bhog lagaayen  aur  prasaad ko logon men baanṭ den. 

Iishvar kee kripaa se jald hee korṭ kachaharee ke chakkar  se mukti mil jaa_egee. 

Dhan snpatti ko praapt  lie karen ye upaay  

" aṣṭ siddhi nau nidhi ke daataa , as var deenhi jaanakee maataa. " 

maataa jaanakee ke varadaan svarup snkaṭ mochak hanumaan jee  aaṭh siddhiyon aur nau nidhion ko pradaan karane vaale hain  atah agar ko dhan snpatti chaahie ho to shraddhaa poorvak  uttar dishaa kee taraf munh karake uparokt chaupaa_ii kaa 108 baar jap kare aur hanumaan jee ko soojee yaa aaṭe kaa halavaa  bhog lagaa_e aur aasheervaad svarup  hanumaan jee sukh snpatti kee kaamanaa kare. Hanumaan jee aapakee ichchhaa jaroor pooro karenge. 

Parivaar men pyaar aur  ekataa ke lie 

"raghupati keenheen   bahut badaa_ii , tum mam priy bharatahin sam bhaa_ii. "

 aajakal parivaar men ekataa banee rahe aur parivaar vaalon   men aapas  men prem banaa rahe, aisee  kaamanaa sabhee logon men hotee hai lekin baḍhate tanaav aur ekal parivaar kee vajah se rishton men daraar aa jaatee hai. Atah ghar men pyaar aur  ekataa ke  lie uparokt chaupaa_ii ko 108 baar poorv dishaa kee taraf munh karake paaṭh  karen. Aur hanumaan  jee ko  pede aur tulasee kaa   bhog lagaa_en. 

Parivaar men pyaar aur ekataa banee rahegee aur log ek doosare kaa sammaan jaroor karenge. 








हनुमान चालीसा के सिद्ध और चमत्कारी उपाय भाग १ hanumaan chalisa ke siddh aur chamatkaari upay PART 1

हनुमान चालीसा के सिद्ध और चमत्कारी उपाय।  आज हम जानेंगे भारतीय ज्योतिष शास्त्रों में वर्णित हनुमान चालीसा के सिद्ध और  चमत्कारी  उपाय के बारें में।  हमारे  देश के हर घर में हनुमान चालीसा मिल ही जाती है।  जीवन में कभी न कभी हम सभी ने हनुमान चालीसा का पाठ किया ही होगा  लेकिन हममें से काफी  लोग इसमें  छुपे चमत्कारी  लाभों से अनभिज्ञ होंगे इसलिए मैं  आज उन रहस्यों को आप लोगों के समक्ष रखूंगा जिनको अपनाकर आप सभी लोग अपने जीवन की परेशानियों से छुटकारा पा सकेंगें।आप लोग खुद भी इसे आजमाएं और अपने शुभचिंतकों को भी  इसके बारे में जानकारी प्रदान करें। 

हनुमान चालीसा के इन उपायों के बारे में सभी को पता होना चाहिए।  भगवान् हनुमान को संकट मोचक कहा जाता है इसलिए वो हम सभी के जीवन के हर एक कष्टों को अवश्य दूर  करेंगे  और जीवन में शुभता की वृद्धि करेंगे, मनवांछित सफलता दिलायेंगे। 

तो अगर आप भी अपने जीवन को सफल बनाना चाहते हैं तो निचे लिखे उपायों को जरूर करें :-

किसी  बिगड़े काम को बनाने के लिए 

दुर्गम काज  जगत के  जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते। 

अगर लाख प्रयासों के बावजूद आपके काम बन नहीं रहें हैं उसमें बार बार मुश्किलें आ रहीं हैं तो आपको इस चौपाई की  कम  से कम एक माला  या  तो दस माला उत्तर दिशा की तरफ  मुंह करके जाप करें। इसके बाद मीठी पूड़ी और तुलसी का प्रसाद लोगों में वितरित करें. आप के बिगड़े काम बनने लगेंगे। 

पढ़ाई में सफलता  के लिए 

पढाई में सफलता प्राप्त करने के लिए  "श्री गुरु चरन  सरोज रज, निज मन मुकुरु  सुधारि ,बरनउं  रघुबर विमल जसु ,जो दायकु फल चारि। इस  दोहे का १०८   बार पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके जप करें। इसके बाद चावल की खीर बनाकर उसे मंदिर में बाँट दें। इससे  पढ़ाई ,प्रतियोगी परीक्षा में सफलता अवश्य मिलेगी। 

स्वस्थ रहने  के  लिए 

अच्छे स्वास्थ्य  की कामना हर किसी को होती है क्यों कि कहा गया है कि हेल्थ इज वेल्थ (अच्छा स्वास्थ्य ही हमारी पूँजी है )अतः अगर किसी का स्वास्थ्य काफी दिनों से  ख़राब चल रहा है ,दवाओं का कोई असर नहीं हो रहा है तो हनुमान चालीसा की चौपाई "  लाये संजीवन लखन जियाये ,श्री रघुबीर हरषि उर लाये। इस चौपाई का  १०८ बार जप पूर्व दिशा  की तरफ मुंह करके करें।  फिर बेसन के लड्डू और तुलसी का भोग  मंदिर में लगाएं और प्रसाद लोगों में बाँट दें। भगवान  हनुमान जी की कृपा से स्वास्थ्य में सुधार जल्द ही दिखने  लगेगा। 

हनुमान चालीसा  के और भी अनुभूत और सिद्ध योगों और उपायों को जानने के लिए मेरी अगली पोस्ट को अवश्य पढ़ें। 

ये भी पढ़े :-

धन वृद्धि के चमत्कारी उपाय

धन रोकने के उपाय 


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हनुमान चालीसा के  अनुभूत प्रयोग 


Hanumaan chaaleesaa ke siddh aur chamatkaaree upaay.Aaj aham jaanenge bhaarateey jyotiṣ shaastron men varṇait hanumaan chaaleesaa ke siddh aur  chamatkaaree  upaay ke baaren men. Hamaare  desh ke har ghar men hanumaan chaaleesaa mil hee jaatee hai. Jeevan men kabhee n kabhee ham sabhee ne hanumaan chaaleesaa kaa paaṭh kiyaa hee hogaa  lekin hamamen se kaafee  log isamen  chhupe chamatkaaree  laabhon se anabhigy honge isalie main  aaj un  rahasyon ko aap logon ke samakṣ rakhoongaa jinako apanaakar aap sabhee log apane jeevan kee pareshaaniyon se chhuṭakaaraa paa  sakengen.

 Aap log khud bhee ise aajamaa_en aur apane shubhachintakon  ko bhee  isake baare men jaanakaaree pradaan karen. Hanumaan chaaleesaa ke in upaayon ke baare men sabhee ko pataa honaa chaahie. Bhagavaan hanumaan ko snkaṭ mochak kahaa jaataa hai isalie vo ham sabhee ke jeevan ke har ek kaṣṭon ko avashy door  karenge  aur jeevan men shubhataa kee vriddhi karenge, manavaanchhit safalataa dilaayenge. To agar aap bhee apane jeevan ko safal banaanaa chaahate hain to niche likhe upaayon ko jaroor karen -


kisee  bigade kaam ko banaane ke lie 


durgam kaaj  jagat ke  jete. Sugam anugrah tumhare tete. 

Agar laakh prayaason ke baavajood aapake kaam ban naheen rahen hain usamen baar baar mushkilen aa raheen hain to aapako is chaupaa_ii kee  kam  se kam ek maalaa  yaa  to das maalaa uttar dishaa kee taraf  munh karake jaap karen. Isake baad meeṭhee poodee aur tulasee kaa prasaad logon men vitarit karen. Aap ke bigade kaam banane lagenge. 


Paḍhaa_ii men safalataa ke  lie 


paḍhaa_ii men safalataa praapt karane ke lie  "shree guru charan  saroj raj, nij man mukuru  sudhaari ,barana_un  raghubar vimal jasu ,jo daayaku fal chaari.

 Is  dohe kaa 108   baar poorv dishaa kee taraf munh karake jap karen. Isake baad chaaval kee kheer banaakar use mndir men baanṭ den. Isase  paḍhaa_ii ,pratiyogee pareekṣaa men safalataa avashy milegee. 


Svasth rahane ke lie 


achchhe svaasthy  kee kaamanaa har kisee ko hotee hai kyon ki kahaa gayaa hai ki helth ij  velth (   achchhaa svaasthy  hee hamaaree poonjee hai )atah agar kisee kaa svaasthy kaafee dinon se  kharaab chal rahaa hai ,davaa_on kaa koii asar naheen ho rahaa hai to hanumaan chaaleesaa kee chaupaa_ii

 "  laaye snjeevan lakhan jiyaaye ,shree raghubeer haraṣi ur laaye. 


Is chaupaa_ii kaa  108 baar jap poorv dishaa  kee taraf munh karake karen. Fir besan ke laḍaḍaoo aur tulasee kaa bhog  mndir men lagaa_en aur prasaad logon men baanṭ den. Bhagavaan  hanumaan jee kee kripaa se svaasthy men sudhaar jald hee dikhane  lagegaa. Hanumaan chaaleesaa  ke aur bhee anubhoot aur siddh yogon aur upaayon ko jaanane ke lie meree agalee posṭ ko avashy paḍhen. 











धन रोकने के उपाय dhan rokne ke upay

यदि आपके पास धन आ तो रहा है पर किसी ना किसी कारण से खर्च हो जाता है, आपके लाख प्रयासों के बावजूद घर में बरकत नही हो रही है और यदि आप किसी सरकारी नौकरी में हैं, या किसी राजनैतिक संस्था से जुड़े हुए हैं या फिर किसी सामाजिक संस्था से जुड़कर कार्य कर रहे हैं, आप धार्मिक कार्य भी करते हैं, कोई ऐसा कार्य भी नहीं करते  कि जिसके कारण धन का अपव्यय होता हो।  क्या कारण है कि आपकी बचत नहीं हो रही है। वजह जो भी हो अगर आपका सारा धन खर्च हो जा रहा हो तो निम्न उपाय करके देखे, माँ लक्ष्मीं ने चाहा तो बरकत जरूर होगी। तो अपने खर्च होते धन को रोकने के लिए जरूर करें ये  ग्यारह उपाय:-
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1. सबसे पहले पितृ दोष को दूर करें। 
2. गायत्री मंत्र का रोजाना पाठ करें। 
3. सूर्य को अर्घ्य दें। 
4. पिता या पिता समान की सेवा करें। 
5. ज्यादातर सफ़ेद कपड़े पहने। 
6. अपने नहाने के जल में बेल पत्र की कुछ पत्तियाँ डालकर स्नान करें। 
7. बेल की जड़ को धारण करें। 
8. अपनी अनामिका अंगुली में तांबे का छल्ला धारण करें। 
9. कमजोरों को अभयदान दें। 
10. बादाम का दान करें।
11. कम से कम पांच तुलसी के पेड़ लगाएं। 




Yadi aapake paas dhan aa to rahaa hai par kisee naa kisee kaaraṇa se kharch ho jaataa hai, aapake laakh prayaason ke baavajood ghar men barakat nahee ho rahee hai aur yadi aap kisee sarakaaree naukaree men hain, yaa kisee raajanaitik snsthaa se jude hue hain yaa fir kisee saamaajik snsthaa se judkar kaary kar rahe hain, aap dhaarmik kaary bhee karate hain, koii aisaa kaarya bhee naheen karate  ki jisake kaaraṇa dhan kaa apavyay hotaa ho. Kyaa kaaraṇa hai ki aapakee bachat naheen ho rahee hai. Vajah jo bhee ho agar aapakaa saaraa dhan kharch ho jaa rahaa ho to nimn upaay karake dekhe, maan lakṣmeen ne chaahaa to barakat jaroor hogee. To apane kharch hote dhan ko rokane ke lie jaroor karen ye  gyaarah upaayah-

1. Sabase pahale pitri doṣh  ko door karen.
2. Gaayatree mntra  kaa rojaanaa paaṭh karen.
3. Soorya  ko arghy den. 
4. Pitaa yaa pitaa samaan kee sevaa karen.
5. Jyaadaatar saphaed kapade pahane.
6. Apane nahaane ke jal men bel patr kee kuchh pattiyaan ḍaalakar snaan karen.
7. Bel kee jad ko dhaaraṇa karen. 
8. Apanee anaamikaa angulee men taanbe kaa chhallaa dhaaraṇa karen. 
9. Kamajoron ko abhayadaan den. 
10. Baadaam kaa daan karen. 
11. Kam se kam paanch tulasee ke ped lagaa_en. 

धन वृद्धि के चमत्कारी उपाय dhan vridhi ke chamatkari upay in hindi

 भारतीय शास्त्रों के अनुसार  यदि मनुष्य परिश्रम, ईमानदारी और पवित्र माध्यमों का उपयोग करते हुए धनार्जन करता है तो यह उचित है. उस धन को सर्वथा अनुचित  माना गया है जो दूसरों को कष्ट देकर, किसी को दुख पहुंचाकर या किसी निर्बल को सताते हुए या अनीति से कमाया गया हो । गलत तरीके से कमाया हुआ  धन एक दिन निश्चित रूप से कष्ट का कारण बनता है।  तो आइये जानते हैं कि ज्योतिष में ऐसे  कौन से उपाय हैं जिनकोे अपनाकर कोई भी धन  अर्जित कर सकता है ।  जिससे धन   भी  बचे और घर में मां लक्ष्मी का वास भी हो । तो जानिए ऐसे ही कुछ खास और आसान उपाय।



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ज्योतिष शास्त्र में ऐसे ढेरों उपाय हैं जिनसे आप अपने धन में वृद्धि कर सकते हैं उनमें से कुछ एक निम्न हैं जिनको अपना कर आप भी प्राप्त कर सकते हैं  मां लक्ष्मी जी की कृपा-

शास्त्रों में मां लक्ष्मी जी के 18 पुत्रों का वर्णन है, उनके पुत्रों की भी पूजा करने से धन की प्राप्ति होती है।

परम पिता परमेश्वर के तीन रूपों में भगवान विष्णु को पालनहार माना गया है,  भगवान विष्णु ने ब्रह्मा जी के पुत्र भृगु की पुत्री  मां लक्ष्मी से विवाह किया था,  भगवान शिव ने ब्रह्मा  जी के पुत्र दक्ष की कन्या सती से विवाह किया था, भगवान विष्णु ही व्यक्ति को सुख, शांति और समृद्धि देने वाले देव हैं, विष्णु जी की पूजा और प्रार्थना करने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है ।
 
 नित्य प्रति सुबह उठकर भावना पूर्वक यह विचार करें कि मां लक्ष्मी घर आने वाली हैं  तो इसके लिए घर को साफ-सुथरा करें और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद  घर में सुगंधित धूप आदि जलाएं।

 प्रति दिन घर में सुबह और शाम मां लक्ष्मी की फोटो के सामने देसी घी का दीपक जरूर जलाएं। 

प्रत्येक शुक्रवार, धनतेरस, होली, दीपावली और बड़े पर्व के दिन गाय को रोटी जरूर खिलाएं ध्यान रखें कि रोटी बासी न हो, बेहतर तो यह है कि गाय को रोज एक रोटी खिलाएं, इससे घर पर मां लक्ष्मी की कृपा और बरकत होती है।
 
किसी भी शुक्रवार को  एक स्टील या लोहे का ताला खरीद कर लाएं , लेकिन इस बात का ध्यान रखें  कि ताला बंद होना चाहिए, खुला ताला नहीं खरीदना चाहिए, ताला खरीदते समय उसे न  तो दुकानदार को खोलने दें और न ही आप खुद खोलें, ताला सही है या नहीं, यह जांचने के लिए भी उसे न खोलें, बस बंद ताले को खरीदकर ले आएं, शुक्रवार की रात में ही ताले को अपने सोने वाले कमरे में बिस्तर के पास ही रख लें, शनिवार को सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर ताले को बिना खोले किसी मंदिर या देवालय में जाकर रख दें , ताले को रखकर बिना कुछ बोले, बिना पलटें वापस अपने घर आ जाएं, कोई पीछे से आवाज दे तो मुड़कर न देखें, पूरा विश्वास  रखें, जैसे ही कोई उस ताले को खोलेगा आपकी किस्मत का ताला भी जरूर खुल जाएगा।


गुरुवार या शुक्रवार के दिन किसी भी मंदिर में केले के दो पौधे लगाकर आयें, पौधों को लगाने के बाद समय-समय पर इनकी  उचित देखभाल भी करें, ज्योतिषीय  मान्यता के अनुसार, इन पौधों में वृद्धि के साथ साथ लगाने वाले व्यक्ति का भाग्योदय भी शुरू  हो जाता है।

शुक्रवार या धनतेरस के दिन  ये एक खास उपाय करें, जिस स्थान पर मोर ने नृत्य किया हो, वहां की मिट्टी लाकर उसकी पूजा  अर्चना करें,  मां लक्ष्मी का पूजन करने के बाद मिट्टी को लाल रंग के कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखें। इससे भी धन में वृद्धि होती है। 

प्रत्येक शुक्रवार को  मां लक्ष्मी का पूजन करें,  पूजन के बाद लक्ष्मी या किसी भी देवी को लौंग चढ़ाएं, इससे कारोबार में फायदा होता है।यह बहुत ही कारगर उपाय है, इसे धन तेरस को भी किया जा सकता है। 

घर में  साफ़-सफाई रखना भी  मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने का एक तरीका है लेकिन इस बात का सदैव ध्यान रखें कि सूर्यास्त के बाद घर में झाड़ू या पोंछा नहीं लगाना चाहिए, विशेष परिस्थितियों  में ऐसा किया जा सकता है परंतु ऐसा रोज न करें, इससे धन की फिजूलखर्ची बढ़ती है।

किसी गरीब, रोगी और जरूरतमंद व्यक्ति की आर्थिक मदद जरूर करें, खासतौर पर किसी कन्या के विवाह में और अध्ययन के लिए  किसी विद्यार्थी को धन देने से व्यक्ति पर सदैव  मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती  है, लेकिन सदैव इस बात का ध्यान रखें कि धन देने के बाद इसका प्रचार बिल्कुल न करें और न ही स्वयं को बहुत बड़ा दानवीर समझने की गलती करें।

घर में किसी भी शुभ दिन  एक ऐसे पेड़ की टहनी लेकर आएं  कि जिस पर चमगादड़ निवास  करते हों, पेड़ की टहनी ऐसी जगह पर रखें कि जहां उस पर लोगों की नजर न पड़े।

मां लक्ष्मी का पूजन करने के बाद दक्षिणावर्ती शंख को चावल के दानों से भर दें , उसमें लाल गुलाब की कुछ पंखुड़ियां भी डाल दें, ऐसा करने से धन लाभ का योग बनता है।

किसी भी शुभ दिन किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को सफेद पदार्थ जैसे आटा, चावल, सफेद वस्त्र आदि का दान करें, इससे भी घर में  मां लक्ष्मी का आगमन होता है।

यदि आप चाहते हैं कि घर में सदा  मां लक्ष्मी का स्थायी वास हो तो 11 लघु नारियल  को एक पीले कपड़े में बांधें और रसोई घर के पूर्वी कोने में लटका दें, ऐसा करने से घर में कभी भी अन्न-धन की कमी नहीं आएगी।

एक मुखी रुद्राक्ष और  ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी धन में वृद्धि होती है।लेकिन शर्त ये है कि ये नकली नही होने चाहिए

स्फटिक‌ की माला से ''ओम श्रीं महालक्ष्मयै नमः'' मंत्र का जाप एक से पांच माला करने से धन में  निश्चित बढ़ौतरी होती है।

शुक्रवार को  एक लाल कपड़े में  एक जटा वाला नारियल लपेटकर जल में प्रवाहित करने से धन संबंधी समस्त बाधाएं दूर होती है।

धन संबंधी बाधाओं  से मुक्ति पाने के लिए चावल, दूध और  चांदी का दान अवश्य करना चाहिए ।




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 आय में वृद्धि और  घर में बरकत लाने के लिए कुबेर और  देवी लक्ष्मी का नियमित पूजन करें। 

बुधवार और  शुक्रवार वाले दिन किन्नर मिलने पर  उसे दान  जरूर दें और  उनसे एक सिक्का आशीर्वाद स्वरूप मांग कर सदैव अपने पर्स में रखें। इससे भी धन संबंधी समस्या अवश्य दूर होगी। 

कनकधारा स्त्रोत और लक्ष्मी स्तोत्र  का नियमित  पाठ करने  से धन में  निश्चित ही बढ़ौतरी होती है।

तो आज हमने धन संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ महत्व पूर्ण ज्योतिषीय उपायों पर चर्चा की। कई अन्य  महत्व पूर्ण जानकारियों के लिए पोस्ट को सब्सक्राइब जरूर करें। धन्यवाद
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म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं Types of Mutual Fund in Hindi

इक्विटी फंड् कितने प्रकार के होते हैं और अलग अलग इक्विटी फंड्स  में किस तरह से निवेश करते हैं  आज हम  यह जानने की कोशिश करेंगे। और साथ में यह  भी समझेंगे  कि विभिन्न इक्विटी फंड्स के अनुसार उनमें कितना जोख़िम होता है आलग - अलग इक्विटी फंड्स में मुनाफे  की संभवना कितनी होती है। कौन से निवेशकों को किस तरह के इक्विटी फंड में निवेश करना चाहिए। साथ ही ये जानेंगे  कि लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और सेक्टर फ़ंड में क्या - क्या अंतर होते हैं।

विभिन्न म्यूचुअल फंड  कंपनियों में इक्विटी फंड सबसे ज्यादा  पॉपुलर ( मशहूर) हैं।तो आज हम विस्तृत रूप स इक्विटी फंड्स के बारे में बातें करेंगे। ये फंड इसीलिए इतने लोकप्रिय हैं क्योंकि ये फंड शेयर बाज़ार  में निवेश करते हैं और उसी तरह रिटर्न भी देते हैं। अधिकतर  इक्विटी फंड,कंपनियों के मार्किट कैपिटलाइजेशन के अनुसार निवेश करते हैं और उसी प्रकार उनका वर्गीकरण ( Classification) भी किया जाता है ।  इक्विटी फंड को अधिकांशतः लार्ज कैप, मिड कैप और स्माल कैप में बांटते हैं। इसके आलावा डाइवर्सिफाईड फंड, ELSS और सेक्टर फण्ड  भी  होते हैं।
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Large Cap Equity Fund / लार्ज कैप इक्विटी फंड 

लार्ज कैप  इक्विटी फंड्स अधिकतर बड़ी कंपनियों में निवेश करते हैं। फंड इन कंपनियों में उनके मार्केट कैपिटलाईजेसन के आधार पर  निवेश करते हैं. इन कंपनियों को निवेश के लिए  बहुत सुरक्षित माना जाता है क्योंकि वे अपने उद्योग क्षेत्र में अच्छी तरह से स्थापित कम्पनियां होतीं हैं और एक तरह से टॉप की कंपनियों को ही लार्ज कैप में रखते हैं। यही वजह है कि लार्ज कैप फंड्स को ऐसे इक्विटी निवेशकों के लिए उपयुक्त माना जाता है जो अधिक जोख़िम लेना पसंद नहीं करते। इस तरह के फंड  कम जोखिम के साथ साधारण रिटर्न देते हैं। 

Mid Cap Equity Fund / मिड कैप इक्विटी फंड 

मिडकैप फंड अधिकतर मध्यम आकार की कंपनियों में निवेश करते हैं। इन कंपनियों के निवेश  में  जोख़िम थोड़ा मध्यम होता है  क्योंकि यहाँ ये संभावना होती है कि ये कंपनियां अपनी पूर्ण क्षमता से विकास कर पायेंगी या नहीं। हालाँकि यदि ये कम्पनिया आगे चल कर बड़ी कम्पनियां बन जातीं हैं तो निवेशकों के लिए बहुत लाभप्रद  भी हो सकतीं हैं. अधिक जोखिम को उठा  सकने वाले निवेशकों को ही इनमें निवेश करना चाहिये। 

Small Cap Equity Fund / स्माल कैप इक्विटी फंड 

स्मॉल कैप फंड छोटी - छोटी कंपनियों में निवेश करते हैं । इन कंपनियों के शयेरों  में निवेश बहुत ही जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि उनके बारे में बहुत कम जानकारी लोगों को पता चल पाती है। हालांकि ये कम्पनियाँ बहुत ज्यादा मुनाफा भी दे सकतीं हैं लेकिन इसमें जोख़िम बहुत होता है। आगे चल कर ये कंपनियां विकास भी कर सकती हैं और दिवालिया भी हो सकती हैं। इस तरह के फंड केवल उच्च जोखिम उठा सकने वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त होते हैं। 


इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानि  / ELSS  

इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम को  टैक्स प्लानिंग म्युचुअल फंड  के तौर पर भी देखा जाता है। ये उन निवेशकों के बीच काफी लोकप्रिय है जो अपना टैक्स बचाना चाहते हैं क्योंकि  इसमें निवेशकों को आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत करों  में छूट का प्रावधान हैं। इन फंडों में निवेशक को 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती प्राप्त हो सकती है। इन फंडों में तीन साल तक का अनिवार्य लॉक-इन पीरियड होता हैं। जिसका मतलब  ये है कि निवेशक इसमें निवेश करने के बाद तीन वर्ष तक  अपना पैसा निकाल  नहीं सकते। 

Diversified Equity Fund / डाइवर्सिफाईड इक्विटी फण्ड 

फंड मैनेजर अपनी मार्केट की समझ के आधार पर डाइवर्सिफाईड इक्विटी फंड का निर्माण करते हैं जिसमें वो निवेशकों के जोख़िम को कम करने के लिए पूँजी को बड़ी, छोटी और मध्यम तीनों तरह की कंपनियों में निवेश करते हैं । चूंकि पोर्टफोलियो  में छोटी बड़ी और मध्यम तीनों तरह की कंपनियां होती हैं  इसलिए वे मिड कैप और स्माल कैप फंडों की तुलना में कम जोखिम वाले होते हैं, लेकिन लार्ज कैप फंडों के मुकाबले में इनमें थोड़ा जोखिम अधिक हो सकता है। ये फंड साधारण जोखिम  वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं। 

Sector Fund / सेक्टर फण्ड 

सेक्टर फण्ड का मतलब है कि ये फंड अधिकतर अपना पैसा किसी  क्षेत्र  विशेष की कंपनियों के शेयरों में लगाते हैं। जैसे कि ऑटो सेक्टर , फार्मा सेक्टर, रियल एस्टेट सेक्टर, टेलीकॉम सेक्टर आदि। चूंकि  इनमें निवेश  किसी एक क्षेत्र पर केंद्रित होता है इसलिए सेक्टर फंड को बेहद जोखिम भरा माना जाता है।  और ये फंड उन लोंगो के लिए उपयुक्त होते हैं जो लोग मार्केट की अच्छी समझ रखते हैं और मार्केट के उतार- चढ़ाव को अच्छी तरह समझते हैं। उदहारण के लिए फार्मा सेक्टर फंड केवल फार्मा कंपनियों ( मेडिसिन , मेडिकल उपकरण आदि में लगी कंपनियां) में ही निवेश करेगा। आये दिन वैश्विक घटनाओं के कारण अर्थव्यवस्था में बदलाव होता रहता है जिसके कारण से  विभिन्न क्षेत्रों की किस्मत भी बदलती रहती है।  अतः निवेशकों को अपने  कुल निवेश का केवल एक छोटा सा भाग ही सेक्टर फण्ड में निवेश करना चाहिए। जब तक निवेशकों को मार्केट की अच्छी समझ न हो जाए तब तक तो इस सेक्टर से दूर रहना ही मुनासिब है। 

तो आज हमने विभिन्न प्रकार के फंडों के बारे जाना। मेरी और भी पोस्ट पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें। धन्यवाद।
 ये भी पढ़ें:-

SIP निवेश की शुरुआत कैसे करें How to start SIP investment

SIP में निवेश को शुरू कैसे करें आइये जानते है कि कैसे  बिल्कुलआसान तरीके से आप घर  पर बैठ कर ही ऑनलाइन SIP में अपना निवेश शुरू कर सकते हैं। आपने मेरी पिछली पोस्ट में पढ़ा कि SIP क्या होती है।आजकल जब सभी लोग निवेश के लिये एसआईपी को अपना रहे हैं तो आप भी समझिये कि कैसे आप भी  बिल्कुल आसानी से म्यूचुअल फंड में निवेश के लिये SIP का तरीका अपना सकते हैं। 

यदि आप  भी म्यूचुअल फंड में निवेश करने की प्लानिंग कर रहे हैं तो SIP  ( एसआईपी ) निवेश का  एक सबसे अच्छा तरीका है।  मैं इस पोस्ट में आपको वो सब कुछ बताऊँगा कि आप किस तरह घर या ऑफिस में बैठे- बैठे चंद मिनटों में अपनी SIP शुरू कर सकते हैं। कई निवेशक, जो म्यूचुअल फंड स्कीम में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान यानि SIP शुरू तो करना चाहते हैं लेकिन कहाँ से शुरू करें,एक तो ये उन्हें  नहीं पता होता दूसरा  वे कागजी कार्यवाही से  भी डरते हैं। लेकिन हम आपको सबकुछ बतायेंगे, आपको डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि कैसे आप कंप्यूटर पर अपने घर या कार्यालय से  ही ऑनलाइन एसआईपी शुरू कर सकते हैं। 

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सिप इन हिंदी 

SIP में ऑनलाइन निवेश कैसे करें 

 केवाईसी  / KYC 

एसआईपी की शुरूआत करते समय सबसे  पहली चीज जो आपको करनी है, वो है अपनी  KYC  यानी Know Your Customer (केवाईसी) की जरूरत को पूरा करना।  एक बार आपने केवाईसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया तो फिर आप किसी भीम्युचुअल फंड में  आसानी से निवेश  कर सकते हैं। निवेश करने के लिये  KYC बहुत जरूरी है। KYC कराने के लिये  आपको अपने एक पहचान प्रमाणपत्र, पता प्रमाणपत्र और  एक फोटो की जरूरत होगी। जिसको आप को KYC करने वाली वेबसाइट पर अपलोड करना होगा। 

 जरूरी दस्तावेज / Essential documents  

KYC  को करवाने के लिए आपको नीचे लिखे कागजातों की जरूरत होगी जिसको अपलोड या जमा करके आप KYC की प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं :

 रेसिडेंस प्रूफ़ Residence Proof  यानी अपने पते का प्रमाणपत्र (जैसे आधार कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र (voter card वोटर कार्ड ), बिजली या मोबाइल का बिल, ड्राइविंग लाइसेंस,  बैंक पासबुक आदि)

पासपोर्ट साइज की फोटो / Passport Size Photo 

पैन कार्ड / PAN Card  

कैंसिल चेक / Cancelled Cheque   (बैंक की जानकारी देने के लिए)

 केवाईसी प्रक्रिया / KYC Process 

अब आपको ई - केवाईसी ( इलेक्ट्रॉनिक केवाईसी)  की सुविधा प्रदान करने वाले फंड हाउस की वेबसाइट पर जाना है और उस वेबसाइट के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपनी KYC पूरी करनी है। आप  सीएएमएस CAMS और कार्वी Karvy  के ऑनलाइन पोर्टल पर भी जा कर ये प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।

यहां  पर आपको अपना नाम, जन्मतिथि और मोबाइल नंबर, फोन नंबर सहित अन्य जरूरी जानकारी प्रदान करनी होगी। दी गई जानकारी के अनुसार आपको अपने पैन कार्ड, पते के प्रमाणपत्र और फोटो की सॉफ्ट कॉपी ( scanned image स्कैंड इमेज ) को भी अपलोड करना होगा।

  KYC करने वाली कंपनी से आपको वीडियो कॉल भी आ सकती है, कंपनियां वीडियो कॉल के माध्यम से आपकी पहचान सुनिश्चित करती हैं। वीडियो कॉल के दौरान आपको अपना पैन कार्ड और एड्रेस प्रूफ ( पता प्रमाणपत्र ) भी दिखाना पड़ सकता है।

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सिप इन हिंदी 


SIP के लिए रजिस्टर करें  / REGISTER  TO  START  SIP

 जब आपकी KYC हो जायेगी तो  आपको अपनी पसंद की किसी भी म्यूचुअल फंड स्कीम में एसआईपी के लिए रजिस्टर करना होगा। जिसके लिए आपको उस फंड हाउस की वेबसाइट पर  जाना होगा जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं। जैसे SBI Mutual Fund, HDFC Mutual Fund की वेबसाइट पर। जब आप वेबसाइट पर पहुँच जाएं तो न्यू यूजर रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करके अपनी आवेदन की प्रक्रिया को पूरी करें। 
जब आप  न्यू यूजर रजिस्ट्रेशन  पर क्लिक करते हैं, तो  एक साधारण  सा आवेदन पत्र खुलेगा  जहाँ पर आपको अपनी बुनियादी जानकारी और मोबाइल नंबर की जानकारी को भरना होगा। साथ ही आपको ऑनलाइन निवेश  के लिए अपना एक यूजर आईडी और पासवर्ड बनाना होगा।

म्यूचुअल फंड प्लान चुनें  / SELECT YOUR PLAN AND SCHEME

   जब यूजर आईडी और पासवर्ड  बन जाए तो फिर आप  अपना चुना हुआ प्लान को ( सेलेक्ट ) चुन कर अपना निवेश  शुरू कर सकते हैं निवेश के लिए प्लान को सोच समझ कर चुनना चाहिए। इक्विटी फंड में निवेश करने के लिये फंड हाउस  की ढेरों स्कीम्स होती हैं।अपने लक्ष्य और जोख़िम उठानें की क्षमता के अनुसार  दिये गये इक्विटी फंड के प्रकार में से  आप अपने लिए प्लान का चुनाव कर सकते हैं।  तो दोस्तों आज यहां पर हमने पूरे विस्तार के साथ और आसान शब्दों में  ये जानने का प्रयास किया है कि SIP में निवेश की पहली शुरुआत कैसे करें। तो मुझे अब ये विश्वास है कि अब आप भी अपने वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिये SIP में निवेश बड़ी आसानी से कर पायेंगे। फिर भी अगर कोई परेशानी आती है तो मुझे कमेंट करके पूँछ सकते हैं। और भी पढ़े  मिलता हूँ अपनी अगली पोस्ट के साथ।Mutual Fund के इस सफर में मेरा साथ देने के लिए आप सब का धन्यवाद। 

म्यूचुअल फण्ड में SIP एसआईपी क्या होता है mutual fund me SIP kya hota hai in hindi

आपने मेरी पिछली पोस्ट में जाना कि Mutual Fund क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं, उसके क्या फायदे और नुकसान होते हैं। अब आज की इस पोस्ट में आइये जानते हैं कि Mutual Fund में SIP क्या होती है, इसमें कैसे निवेश करते हैं, इसमें  निवेश करने से हमें क्या फायदा और नुकसान हो सकता है। तो आइये जानते हैं SIP यानी Systematic Investment Plan के बारे में। 

एसआईपी का मतलब SIP Meaning In Hindi

SIP यानि Systematic Investment Plan । हिंदी में इसे कहते हैं नियमित रूप से निवेश योजना ।  लेकिन मैं इसे क्रमबद्ध निवेश योजना कहना चाहूँगा। SIP जिसे सिप भी कहते हैं , में एक निश्चित समय के अंतराल में, एक बराबर राशि एक ही स्कीम में निवेश की जाती है। 
मान लीजिये की एक निवेशक के पास दस हजार रुपये है निवेश करने के लिए । तो वह इन्हें एक ही दिन निवेश ना करके SIP में एक हजार प्रति माह के हिसाब से दस माह तक निवेश करता है

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एस आई पी  इन हिंदी 

यह कम जोख़िम  के साथ निवेश का एक आसान तरीका जिसमें अपने आप हर महीने एक निश्चित रकम डाल कर एक बड़े उद्देश्य के लिए बचत कर के मोटी रकम प्राप्त की जा सकती हैं. आप चाहे नौकरी पेशा व्यक्ति हों या गृहणी हों या दुकानदार या कोई आम आदमी, Systematic Investment Plan  सभी के लिए है। इसमें हर महीने थोड़ा थोड़ा पैसा लगा कर अपने सपनों को पूरा करने लिए एक बड़ी रकम जमा कर सकते हैं. SIP एक ऐसा प्लान है जिसमें हर महीने, तिमाही, छमाही या वार्षिक में एक निश्चित राशि जमा की जाती है और एक निश्चित समय के बाद निवेशक को एकमुश्त राशि मिल जाती है। 


जिन लोगों को शेयर मार्केट की ज्यादा  जानकारी नहीं है उनके लिए SIP के द्वारा निवेश करना एक अच्छा विकल्प है इसमें निवेशक का जोखिम कम हो जाता है. SIP निवेश एवं बचत का एक ऐसा तरीका  है जिसके अंतर्गत कोई भी निवेशक एक निश्चित अंतराल में एक निश्चित राशि अपनी चुनी हुई म्यूचुअल फण्ड  की स्कीम में लगाता है. Gold यानि सोने में भी SIP द्वारा निवेश किया जाता है. SIP द्वारा निवेश करने से अनुशासित तरीके से निवेश करना  बहुत ही आसान हो जाता है तथा निवेश का जोखिम भी कम हो जाता है. 


कोई भी निवेशक SIP के द्वारा Mutual Fund  की सारी स्कीम में अथवा Gold ETF में  भी निवेश कर सकता हैं। निवेश का अंतराल प्रति दिन, प्रति सप्ताह , प्रति माह  प्रति तिमाही या छमाही रखा जा सकता है। सैलरी पेशा लोगों के लिये यह निवेश का एक आसान तरीका है। हर माह अपनी सैलरी से कुछ बचत करके नियमित और अनुशासित ढंग से बड़ा निवेश किया जा सकता है। किसी भी Mutual Fund में एडवांस चैक दे कर अथवा ऑनलाइन ECS निर्देश दे कर आप सिप शुरू कर सकते हैं । SIP  500 रु प्रति माह जैसी छोटी राशि से भी शुरू किया जा सकता है। 

 एसआईपी कैसे  काम  करता  है  / How SIP works in Hindi

आपको एक कहानी सुनाता हूँ जिससे आपको एसआईपी बेहतर तरीके से समझ  में आ जायेगा। कमल और मुकेश दो दोस्त हैं. दोनों ने अपनी अपनी पत्नियों को वादा किया कि अगली शादी की सालगिरह पर सोने क कंगन ले कर देंगे. कमल पूरे साल इंतज़ार करते रहे कि जब सोना सस्ता होगा तब लेंगे. कई बार सोना सस्ता भी हुआ मगर कमल को लगता कि सोना अभी और सस्ता होगा. कमल हार नहीं ले पाए और साल गिरह पर जो कीमत थी उसी पर हार लेना पड़ा।

मुकेश ने पहले महीने से ही गोल्ड ETF में SIP करना शुरू कर दिया. जब जब सोने की कीमत कम हुई या बढ़ी राजेश का निवेश अपने आप हो जाता था. आप खुद ही अंदाज़ा लगा सकते हैं की हार की कीमत किसने ज्यादा ज्यादा दी होगी। जाहिर है कमल ने। 

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एस आई पी  इन हिंदी 

एसआईपी मुख्य रूप से शेयर मार्किट में छोटी छोटी राशि को नियमित रूप से अनुशाशन के साथ म्यूचुअल फण्ड द्वारा निवेश करने का आसान तरीका  है। 

Advantages of SIP in Hindi / SIP के फायदे 
SIP निवेश का एक बेहतरीन तरीका है. अब  आइये SIP  में निवेश के फायदे जानते हैं। 

निवेश के लिये छोटी रकम की जरूरत / Small Amount 
निवेश में आसानी / Invest  easily 
कम जोख़िम ( खतरा ) / Low Risk   
अनुशासित निवेश / Disciplined Investment 
छोटे निवेशकों के लिये बेहतरीन विकल्प / Best for Small Investors 
लचीलापन / Flexibility 
कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं / No  Extra Charges 
शुरुआत  करने के लिये अच्छा / Best for Beginners 

निवेश के लिये छोटी रकम की जरूरत / Small Amount

SIP में निवेश करने के लिये बेहद कम पैसों की जरूरत होती है। आप ₹500 प्रति माह से भी शुरुआत कर सकते हैं। इस प्रकार छोटा निवेश जेब पर भी भारी नहीं पड़ता और लंबी अवधि में यह बड़ी रकम बन सकती है।छोटी राशि निवेश के लिए निकालना आसान होता है. लम्बे समय तक छोटी छोटी राशि का निवेश आपको बड़ा मुनाफा दे सकता है। सैलेरी वाले लोग अपनी महीने के बजट से छोटी छोटी निवेश इसके जरिये कर सकते हैं। गृहणियां या छात्र भी  हर माह  अपनी पाकेट मनी से कुछ पैसा बचा कर इसमें निवेश कर सकते हैं।

निवेश में आसानी / Invest  easily  

SIP में निवेश ऑनलाइन निर्देश दे कर भी किया जा सकता है। निश्चित तारीख को म्यूचुअल फण्ड आपके खाते से तय राशि लेकर आपके चुने हुए प्लान में निवेश कर देता है. इस तरह से हर बार निवेश का झंझट नहीं रहता है और स्वचालित तरीके से निवेश हो जाता है। ना याद रखने की आवश्यकता और ना कहीं जाने की जरूरत। 

कम जोख़िम ( खतरा ) / Low Risk  

शेयर मार्किट के निवेश  में हमेशा जोख़िम रहता है। SIP द्वारा इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश किया जा सकता है। एक नियमित अंतराल में छोटा निवेश, निवेशकों के रिस्क को किसी हद तक कम कर देता है। निवेश से पहले म्यूचुअल फंड के निवेश में जोख़िम को जानना जरूरी होता है । SIP का सबसे बड़ा फायदा यही है। मान लीजिये किसी निवेशक के पास एक लाख रुपये शेयर मार्किट में निवेश के लिए हैं। उसने इसे बाजार में एक साथ लगा दिया। अगले दिन बाजार ऊपर जाएगा अथवा नीचे, कोई नहीं जानता।  यदि  इसी रकम को थोड़े थोड़े अंतराल में बाँट कर किया जाए तो जोख़िम में कमी आ जाती है.

अनुशासित निवेश / Disciplined Investment 

एक बार बैंक को ECS मेंडेट देने के बाद अनुशासित तरीके से अपका निवेश शुरु हो जाता है। नियमित निवेश की आदत हो जाने से निवेश में अपने आप अनुशासन आ जाता है और आप लंबी अवधि तक निवेश करने में सक्षम हो जाते हैं।

छोटे निवेशकों के लिये बेहतरीन विकल्प / Best for Small Investors 

ऐसे लोग जो एक साथ बड़ी राशि निवेश नहीं कर सकते वे Systematic Investment Plan का चुनाव करते हैं। इसमें मासिक आय पाने वाले, दुकानदार, गृहणियां,छात्र और कोई भी आम आदमी निवेश कर सकता है। क्योकि इसमें ₹500 प्रति माह से भी निवेश शुरू कर सकते हैं तो जिनकी आय नियमित ना हो वे भी नियमित बचत कर सकते हैं।

लचीलापन / Flexibility 

SIP को कभी भी बंद किया जा सकता हैं और इसे बंद करवाने का कोई दंड भी नहीं लगता है। आप एक थोड़े समय के लिये इसे रुकवा भी सकते हैं। अपने लचीलेपन की वजह से लोगों को SIP में निवेश करना अच्छा लगता है। 

कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं / No  Extra Charges 

SIP शुरू करने के लिये कोई अलग से शुल्क नहीं देना पड़ता है। फिर भी आपको इसके सभी लाभ मिलते हैं। बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आप Systematic Investment Plan के सभी लाभ ले सकते हैं.

शुरुआत  करने के लिये अच्छा / Best for Beginners 

 ऐसे लोग जो शेयर मार्केट में रुचि रखते हैं लेकिन  पैसा लगाने से डरते हैं और ऐसे  लोगों के लिये जो पहली बार निवेश में शुरुआत करना चाहते हैं उनके लिये निवेश करने का यह सुरक्षित तरीका है। यह एक साथ निवेश कर बाजार में अचानक होने वाल उतार-  चढ़ाव से निवेशकों को बचाता है।

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एस आई पी  इन हिंदी 

SIP में निवेश के कुछ नुकसान भी हैं। / Disadvantages of SIP 

बढ़ते बाजार में कम मुनाफा  / Lower returns in Bullish Markets 
तय राशि में निवेश  / Fixed Amount of Investment 
निवेश की तारीख में लचीलेपन का न होना  / Flexibility in Investment Day 
अंतराल देना मुश्किल  / Difficult to Pause 
अनियमित आय में मुश्किल  / Not suitable with Irregular Income 

बढ़ते बाजार में कम मुनाफा  / Lower returns in Bullish Markets 

यूं तो बाजार की चढ़ती उतरती चाल में SIP फायदेमंद रहता है मगर तेजी से लगातार लंबे समय तक बढ़ती मार्केट में SIP, एकमुश्त निवेश के मुकाबले कम रिटर्न दे सकता है। जब बाजार एकदम मंदी स्थिती में हों और आगे सिर्फ तेजी दिख रही हो तो एकमुश्त निवेश ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। मगर ऐसे मौके को पहचानना बहुत कठिन होता है।

तय राशि में निवेश  / Fixed Amount of Investment 

यदि किसी महीने , किसी कारणवश आपका मासिक खर्च बढ़ जाता  है तो आप SIP की रकम को कम नहीं कर सकते और कठिनाई को सह कर भी SIP में निवेश करना पड़ सकता है।

निवेश की तारीख में लचीलेपन का न होना  / Flexibility in Investment Day 

SIP की तय रकम (Installment ) एक निश्चित तारीख को आपके बैंक खाते से कट जाती है। इसमें बदलाव करना आसान नहीं होता है।

अंतराल देना मुश्किल  / Difficult to Pause 

इसे एकदम से रुकवाना या बंद करना मुश्किल हो सकता है। जब तक बैंक या वित्तीय संस्था, जहां आपका SIP चालू है वे आपकी SIP  को रोकने के निवेदन प्रोसेस करते हैं तब तक आपका पैसा खाते से कट कर SIP में निवेशित होता रहता है।

अनियमित आय में मुश्किल  / Not suitable with Irregular Income 

यदि आपके पास नियमित आय का कोई साधन नहीं है तो आपके लिए SIP में नियमित निवेश करना  कठिन हो सकता है। ऐसे में आय और निवेश में  तालमेल बैठाना कठिन हो सकता है

आपके SIP के दौरान में ऐसा वक्त भी आयेगा जब बाजार में तेजी होगी और आपको अच्छे रिटर्न मिलेंगे । साथ ही ऐसे दौर भी आयेंगे जब बाजार गिरेगा और आपके निवेश में कुछ समय के लिये हानि हो सकती है।  लंबे समय का निवेश सदैव आपको फायदा देगा।ऐसे समय में विचलित होने के बजाये धैर्य बनाये रखने की आवश्यक्ता होती है।