सिर्फ सोंचने और बात करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कार्य करना। Working is more important than just thinking and talking.

  • दोस्तों !अपनी जिंदगी में सभी लोग सफल होना चाहते हैं। जो कि स्वाभाविक है, सफलता हर किसी का अधिकार है। लेकिन अक्सर ऐसा होता नहीं है । लाख प्रयासों के बावजूद लोगों को वो सफलता नहीं मिल पाती जिसके वो अधिकारी हैं। आख़िर क्यों, क्या हमने कभी इसके बारे में गहराई में जाकर सोंचा है। नहीं, तो चलिए आजहम और आप इसके बारे में गहन विचार करते हैं कि आखिर क्या कारण है कि सफलता अक्सर मिलते- मिलते रह जाती है। अधिकतर हम सभी लोग जो  कार्य शुरू करना चाहते हैं उसके बारे में सोंचते ही रह जाते हैं कि ऐसे करूँगा, वैसे करूँगा, या उसके नफा नुकसान आदि के बारे में सोंचते रहते हैं, कभी कभी ऐसा भी होता है कि उस कार्य के बारे में हम कई लोगों से बातें करते हैं कि मैं अमुक कार्य शुरू करने वाला हूँ आदि आदि। इसमे कोई बुराई नहीं है लेकिन होता क्या है कि एक तो बिन मांगे सलाह देने वाले इस दुनिया में बहुत हैं। जिनको उस कार्य के बारे में कुछ भी नहीं पता है वो भी आपको बहुत कुछ नकारात्मक सलाह दे देंगे। परिणाम क्या निकलता है कि आप उस idea विचार को छोड़ देते हैं और फिर किसी दूसरे idea या कार्य के बारे में सोचनें लगते है और पुनः सारी प्रक्रिया को दोहराते हैं और सारा समय और ऊर्जा व्यर्थ हो जाती है। तो दोस्तों हमारी जिंदगी में इस बात से कोई  ज्यादा फर्क नहीं पड़ता कि हमारी सोंच क्या है, कैसी है या हमें क्या करना अच्छा लगता है क्या बुरा, बल्कि फर्क इस बात से ज्यादा पड़ता है कि हम क्या करते हैं और कब करते हैं। आपने ये तो सुना ही होगा कि:-
कालि करे सो आज कर, आज करे सो अब। 
पल में परलै होएगी, बहुरि करेगा कब। 
तो दोस्तों निष्कर्ष यह निकलता है कि अगर आप सफल होना चाहते हैं तो ज्यादा ना सोचें, ना ही ज्यादा लोगों से बातें ही करते रहें ,बल्कि शुरू हो जाएं। वरना बहुत देर हो जायेगी और आपका idea किसी दूसरे की किस्मत बदल देगा। risk जितना बड़ा होगा सफलता भी उतनी ही बड़ी होगी। धन्यवाद दोस्तों, फिर मिलता हूँ अपनी नयी पोस्ट और आपकी सफलता की कामना के साथ। 

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