जैसे जैसे एक सैन्य कर्मी अपनी सेवा अवधि पूरी होने के नजदीक पहुंचता है उसके मन में अपनी पेंशन को लेकर कई दुविधायें पैदा होने लगती हैं क्योंकि सैन्य कर्मियों का कार्यकाल भिन्न-भिन्न पदों के लिये अलग अलग होता है।
कोई जल्दी सेवानिवृति होता है तो कोई देर से। ऐसे में मन में सवाल उठने स्वाभाविक हैं। ऐसे ही कई सवालों के बीच एक सवाल पेंशन कम्युटेशन को लेकर भी उठता है। म्युचुअल फंड में SIP क्या होता है।
कम्युटेशन क्या होता है, इसको कैसे कटाते हैं और ये कितना कटता है। इसको कटाने में फ़ायदा है या घाटा।तो आज हम इन्ही सब बातों पर चर्चा करेंगे। सैन्य कर्मियों को सेवानिवृति के समय एकमुश्त राशि मिलती है जो उसकी सेवानिवृति के बाद में काफी सहायता करती है।
सेवानिवृति के समय सैन्य कर्मी को पेंशन, सर्विस ग्रेच्युटि , आर्म्ड फोर्सेस पर्सनल प्रोविडेंट फण्ड, पेंशन कम्युटेशन , आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस , लीव एनकैशमेंट तथा अन्य एडजस्टमेंट का पैसा मिलता है। सैन्य पेंशन कम्युटेशन सेवानिवृति के समय स्वैच्छिक होता है। सैन्य कर्मी अपनी पेंशन का पचास प्रतिशत तक कम्युट कर सकते है। आज हम सैन्य पेंशन कम्युटेशन के बारे में जानेंगे। SIP निवेश की शुरुआत कैसे करें
सेवानिवृति के समय सैन्य कर्मी के समक्ष सबसे अहम सवाल यही होता है कि वह अपनी पेंशन का पचास प्रतिशत कम्युट करे या नही। सैन्य कर्मियों को पचास प्रतिशत पेंशन कम्यूट करने में कोई फायदा है या नही इसी के बारे में हम विस्तृत जानकारी देने का प्रयास करेंगे।
सैन्य कर्मी अपनी बेसिक पेंशन का पचास प्रतिशत तक कम्युट कर सकते है। सर्विस पेंशन सेवानिवृति के समय की बेसिक पे ,मिलिट्री सर्विस पे, क्लास पे , एक्स ग्रुप पे का पचास प्रतिशत होती है तथा इस पेंशन पर सेवानिवृति के समय महंगाई भत्ता भी लगता है।
उदाहरणतः यदि सैन्य कर्मी की बेसिक पे 50000 रुपये है तथा क्लास पे 300 रुपये है तो उसकी सर्विस पेंशन की गणना इस तरह से की जायेगी।
50000 + 5200 + 300 ÷ 2
= 55500 ÷ 2 = 27750 रुपये
इस पेंशन पर सैन्य कर्मियों को मंहगाई भत्ता भी मिलता है। म्युचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं
अब बात करते है सैन्य पेंशन कम्युटेशन के बारे में। पेंशन कम्युटेशन की गणना करते समय महंगाई भत्ता को उसमें नही जोड़ते है। मान लीजिये यदि एक सैनिक अपनी पेंशन का पचास प्रतिशत कम्यूट करता है तो उसकी कम्युटेशन में हर महीने कटने वाली रकम कुछ इस प्रकार होगी:-
27750 ÷ 2 = 13875 रुपये
यानी कि उस सैनिक को कम्युटेशन के रूप में 13875 रुपये हर महीने पंद्रह सालों तक देने होंगे। उसके द्वारा पंद्रह सालों में कुल दी गई राशि निम्न होगी।
13875 X 12 महीने X 15 साल = 24,97,500 रुपये
सैन्य कर्मियों को बेसिक पेंशन के ऊपर उस समय जो महंगाई भत्ता होगा वो भी मिलता है तथा महंगाई भत्ता पूरी पेंशन पर मिलता है यानी कि उसे महंगाई भत्ता 27750 रुपये पर मिलेगा। मान लीजिये कि सेवानिवृति के समय महंगाई भत्ता पंद्रह प्रतिशत है तो पेंशन पर महंगाई भत्ते की गणना इस प्रकार की जायेगी ।
फुल पेंशन X महंगाई भत्ता ÷ 100
27750 X 15 ÷ 100 = 4162.50 रुपये
पचास प्रतिशत कम्युटेशन होने के बाद मिलने वाली कुल पेंशन निम्न होगी
13875+4162.50=18037.5 रुपये
अभी तक हमने पढ़ा कि पेंशन कम्युटेशन में हर महीने कितने पैसे कटते है तथा कम्युटेशन के बाद एक सैन्य कर्मचारी को कितनी पेंशन मिलती है। अब हम यह जानेंगे कि पचास प्रतिशत कम्युटेशन करने पर सेवानिवृति के समय एक मुश्त कितनी रकम मिलती है तथा कम्युटेशन करने से कोई फायदा भी है या नही। अच्छे रिटर्न के लिए पैसे कहाँ लगायें
ऊपर की गणना में हमने पाया कि पचास प्रतिशत पेंशन कम्युटेशन करने पर एक सैनिक को पंद्रह वर्षों में कुल 24,97,500 रुपये जमा करने पड़ते है। अब ये जानते है कि सेवानिवृति के समय सैन्य कर्मचारी को कम्युटेशन करने पर कम्युटेशन की कितनी रकम मिलेगी।
इसके लिए पेंशन कम्युटेशन का एक फॉर्मूला होता है जिसके द्वारा हमें कम्युटेशन से मिलने वाली रकम का पता चलता है। फार्मूला निम्न है।
पेंशन का पचास प्रतिशत X 12 X सैन्य कर्मी की अगले जन्म दिवस की पर्चेज़ वैल्यू
फॉर्मूले में पर्चेज़ वैल्यू बहुत अहम है। परचेज वैल्यू की विस्तृत सारणी नीचे दी गयी है।
परचेज वैल्यू में सेवानिवृति होने के समय व्यक्ति की अगले जन्मदिन की आयु को लिया जाता है। यदि आप सैंतीस साल के होने के बाद सेवानिवृति हो रहे है तो परचेज वैल्यू अढ़तीस साल की ली जाएगी।
इस फॉर्मूले से हम दो सैन्य कर्मियों को मिलने वाली कम्युटेशन रकम को निकालेंगे। एक सैन्य कर्मी जो सैंतीस साल की आयु में सेवानिवृति होता है तथा एक सैन्य कर्मी जो पचास साल की आयु में सेवानिवृति होता है उसके बाद ही हमे पता चल पायेगा कि पेंशन कम्युट करने में कोई फायदा है या नही। बेस्ट शेयर जो दे सकते हैं मोटा मुनाफा
सैंतीस साल की उम्र में सेवानिवृति होने वाले कर्मी की कम्युटेशन राशि =
13875×12×9.116 ( अढ़तीस साल की परचेज वैल्यू)
= 1517814 रुपये
पचास साल की उम्र में सेवानिवृति होने वाले कर्मी की कम्युटेशन राशि =
13875×12×8.808( इक्यावन साल की परचेस वैल्यू)
= 1466532 रुपये
उपरोक्त कम्युटेशन पेंशन की राशि से यह तो बिल्कुल स्पष्ट है कि दो कर्मी समान पेंशन को (13875 रुपये) पंद्रह सालों के लिए कम्युट करते है किंतु जो कर्मी सैंतीस वर्ष की उम्र में सेवानिवृति हो रहा है उसे 1517814 रुपये मिल रहे है जबकि पचास वर्ष की उम्र में सेवानिवृति होने वाले कर्मी को 1466532 रुपये मिल रहे है।
कम्युटेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको एकमुश्त बड़ी रकम मिल जाती है जिसका उपयोग आप अपना नया बिज़नेस शुरू करने में, घर बनाने में या नवीनीकरण करने में, बच्चों की शिक्षा आदि में कर सकते है।
पेंशन कम्युटेशन से मिलने वाली रकम टैक्स फ्री होती है यानी कि उस रकम पर आपका कोई भी टैक्स दायित्व नही बनता है। मान लीजिये आप सैंतीस वर्ष की आयु में सेवानिवृति होते है और पेंशन को कंम्यूट नही करते है और आप पूरी पेंशन लेते है। धन वृद्धि के चमत्कारी उपाय
सैंतीस वर्ष की उम्र में सेवानिवृति होने वाले एक्स सर्विस मेन दूसरी सरकारी नौकरी के लिए अवश्य प्रयास करते है इस परिस्थिति में आपकी पूरी पेंशन तथा दूसरी तनख्वाह को मिलाकर आप इनकम टैक्स के दायरे में जरूर आ जाएंगे और हर साल आपको टैक्स भरना पड़ेगा। इसलिए कंमुटेशन करके आप टैक्स का फायदा उठा सकते है।
कम्युटेशन करने का तीसरा फायदा यह है कि यदि एक्स सर्विस मेन जिसने पेंशन कम्यूट कर रखी है उसकी किसी भी कारणवश अगर मृत्यु हो जाती है तो उसकी बची हुई कम्युटेशन रकम पूरी माफ हो जाती है और उसे शेष बची हुई राशि भरने की जरूरत नही होती है।
पेंशन कम्युटेशन पर मिलने वाली रकम पर सरकार आठ प्रतिशत ब्याज लगाती है जो होम लोन के ब्याज, पर्सनल लोन तथा ऑटो लोन के ब्याज की तुलना में काफी कम होता है। यदि आपका भी इनमें से कोई लोन वगैरह है तो आप कम्युटेशन की राशि से उसको चुकता करके फायदा उठा सकते है।
प्री मैच्योर सेवानिवृति लेने वाले सैन्य कर्मी सेवानिवृति होने के बाद दूसरी नौकरी करते है तथा जब वो दूसरी सर्विस भी खत्म करके सेवानिवृति होने के करीब होते है तो उनकी कम्युटेशन की पंद्रह साल की सीमा भी खत्म हो चुकी होती है तथा उन्हें पूरी पेंशन मिलना शुरू हो जाती है।
पंद्रह साल के कम्युटेशन के वक़्त जब उन्हें कम पेंशन मिलती है तब उनका खर्च दूसरी तनख्वाह से भी चल सकता है।
यदि आपकी सेवानिवृति के समय उम्र पचास साल या उससे ज्यादा है तो आपको सैंतीस साल की उम्र में सेवानिवृति होने वाले सैन्य कर्मी की तुलना में पेंशन कम्युट करने में नुकसान है। यानी कि प्री मैच्योर सेवानिवृति लेने वाले सैनिक को कम्युटेशन में ज्यादा फायदा है। धन को आकर्षित करने के वास्तु टिप्स
सेवानिवृति के बाद यदि आपके सामने कोई बड़ा खर्चा नही है या आपके पास कोई निवेश का प्लान नही है तथा आप इस कम्युटेशन की रकम को फिक्स डिपॉजिट में डालने की सोंच रहे हैं जिसमे करीब सात प्रतिशत ब्याज मिलता है। इस अवस्था में भी आपको कम्युट से नुकसान है क्योंकि कम्युटेशन में आपको मिलने वाली रकम पर सरकार आठ प्रतिशत ब्याज लगाती है।
सेवानिवृति के समय सैन्य कर्मी पेंशन के लिए योग्य होना चाहिए।
उसके ऊपर कोई भी न्यायिक जाँच नही होना चाहिए।
कम्युटेशन का क्लेम सेवानिवृति से पहले या सेवानिवृति के एक साल बाद तक जमा होना चाहिए।
सेवानिवृति होने के एक वर्ष बाद कम्युटेशन का दावा करने के लिए मेडिकल सर्टिफिकेट को जमा करना पड़ता है।
7वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार जिन सैनिकों को किसी प्रकार की मेडिकल कैटगरी है उनको कम्युटेशन का फायदा नहीं दिया जा रहा है।
कुछ वर्गीकृत बीमारियां हैं जिनमें कैटेगरी होने पर सैनिक को कम्युटेशन क्या लाभ नहीं मिल रहा है उसे पूरी पेंशन मिलती है । बाकी के अन्य लाभ यथावत हैं।