जवाहर लाल नेहरू पर निबंध Jawahar Lal Nehru : An Essay

पंडित जवाहरलाल नेहरु  आजादी के लिए लड़ने वाले और संघर्ष करने वाले मुख्य महापुरुषों में एक थे।पंडित जवाहरलाल नेहरू को लोग चाचा नेहरू के नाम से भी जानते हैं जिन्होंने अपने भाषण से लोगों का दिल जीत लिया। इसी वजह से वह आजाद भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री भी बने।

करती है फ़रियाद ये धरती कई हजारों साल। 
तब जाकर पैदा होता है एक जवाहर लाल।। 

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जवाहर लाल नेहरू


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा


इनका पूरा नाम जवाहरलाल मोतीलाल नेहरू था। इनका जन्म 14 नवंबर 1889 को  इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था,इनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू व माता का नाम स्वरूप रानी था । 

नेहरू जी की पत्नी का नाम कमला नेहरू तथा बेटी का नाम श्रीमती इंदिरा गांधी था। इन्होंने 1910 में कैंब्रिज विश्वविद्यालय के त्रिनिटी कॉलेज से और 1912 में  लंदन के कॉलेज से बैरिस्टर की उपाधि ली।

महान लेखक ,विचारक और कुशल राजनेता जवाहरलाल नेहरू के तीन भाई बहन थे, जिसमें नेहरू जी सबसे बड़े थे । जवाहरलाल नेहरू की बड़ी बहन का नाम विजयालक्ष्मी था जो बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी।

छोटी बहन का नाम कृष्णा हठी सिंह था जो कि एक प्रभावशाली लेखिका थीं । उन्होंने पंडित नेहरू के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कई किताबें भी लिखी थी।पंडित नेहरू जन्म से ही तेज दिमाग और ओजस्वी महापुरुष थे, जिससे भी एक बार मिल लेते थे, वह उनसे प्रभावित हो जाता था।

इसी कारण से वे बड़े होकर एक कुशल राजनेता आदर्शवादी विचारक और महान लेखक भी बने। कश्मीरी पंडित समुदाय के साथ उनके मूल की वजह से उन्हें पंडित नेहरू के नाम से भी पुकारा जाता था।

15 साल की उम्र में 1905 में नेहरू जी को इंग्लैंड के स्कूल में पढ़ाई के लिए भेजा गया इसके बाद जवाहरलाल नेहरू ने लंदन के त्रिनिटी कॉलेज में 1909 में एडमिशन लिया।

इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से कानून शास्त्र की पढ़ाई पूरी की। 7 साल  इंग्लैंड में रहकर उन्होंने फेबियन समाजवाद एवं आयरिश राष्ट्रवाद की जानकारी भी हासिल की। 1912 में वह भारत लौटे और वकालत शुरू की है।

भारत लौटने के 4 साल बाद 1916 में पंडित जवाहरलाल नेहरु जी का विवाह कमला कौर के साथ हुआ। कमला कौर दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार से तालुकात रखते थी। 1917 में उन्होंने इंदिरा प्रियदर्शनी को जन्म दिया जो कि भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनी । 


कली बेंच देंगे, चमन बेंच देगें, फूलों भरा अंजुमन बेंच देगें। 
कलम के सिपाही अगर सो गए तो, सियासत के तिजारी वतन बेंच देगें।। 

राजनैतिक जीवन और सिद्धांत


जवाहरलाल नेहरू 1919 में राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश कर गए। तभी उनका परिचय महात्मा गांधी से हुआ।  यह वह दौर था जब भारत में रोलेट अधिनियम यानी कि रौलट एक्ट के खिलाफ एक अभियान शुरू किया गया था। 

नेहरू जी महात्मा गांधी जी के शांतिपूर्ण सविनय अवज्ञा आंदोलन से काफी प्रभावित हुए। और गांधी जी को अपना आदर्श मानने लगे। यहां तक कि नेहरू जी ने विदेशी वस्तुओं का त्याग कर दिया और खादी को अपना लिया। 

इसके बाद उन्होंने 1920 से 1922 के गांधीजी के असहयोग आंदोलन में भी साथ दिया।इस दौरान उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1926 से 1928 तक अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के महासचिव के रूप में सेवा की। 

कांग्रेस के वार्षिक सत्र का आयोजन  1928 से 1929 में किया गया जिसकी अध्यक्षता उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने की। इस सत्र के दौरान पंडित नेहरू और सुभाष चंद्र बोस ने पूरी राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग का समर्थन किया था, जबकि मोतीलाल नेहरू और अन्य नेता ब्रिटिश शासन के अंदर ही प्रभुत्व संपन्न राज्य चाहते थे।

इसी सत्र के दौरान एक प्रस्ताव भी पारित किया गया जिसमें पूर्ण स्वराज्य की मांग की गई 26 जनवरी 1930 को लाहौर में जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्र भारत का झंडा फहराया।

 इस दौरान महात्मा गांधी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत इस आंदोलन में सफलता हासिल हुई। इसके साथ ही इस शांतिपूर्ण आंदोलन ने ब्रिटिश शासकों को राजनीति में परिवर्तन लाने पर मजबूर कर दिया। 

अब तक नेहरू जी को राजनीति का अच्छा खासा ज्ञान प्राप्त हो चुका था। उन्होंने राजनीति में अपनी अच्छी पकड़ बना ली थी। इसके बाद 1936 में जवाहर लाल नेहरू को कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए चुना गया। 

यही नहीं उन्हें 1942 में महात्मा गांधी के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान गिरफ्तार भी किया गया था और 1945 में वह जेल से रिहा किए गए। नेहरु जी ने गुलाम भारत को आजाद करवाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। 

सन 1947 में आजादी के समय उन्होंने अंग्रेजी सरकार के साथ हुई वार्तालाप में अहम भूमिका निभाई। इसके बाद से उनकी दुनिया के सामने एक अलग छवि बनती गई और वह देशवासियों के आदर्श बनते गए । 

महात्मा गॉंधी और पंडित नेहरू


कहा जाता है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू गांधी जी के काफी करीबी थे।  दोनों में पारिवारिक संबंध काफी अच्छे थे। महात्मा गांधी के कहने पर ही पंडित नेहरू को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया था। 

वही पंडित नेहरू महात्मा गांधी के विचारों से काफी प्रभावित थे। पंडित नेहरू को महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण आंदोलन से एक नई सीख और ऊर्जा मिलती थी। यही वजह है कि वह गांधी जी के संपर्क में आने के बाद उनके हर आंदोलन में उनका साथ देते थे । 

लेकिन नेहरू जी का राजनीति के प्रति धर्मनिरपेक्ष रवैया महात्मा गांधी के धार्मिक और पारंपरिक नजरिए से थोड़ा अलग था। दरअसल गांधीजी प्राचीन भारत के गौरव पर बल देते थे  जबकि नेहरू आधुनिक विचारधारा के तरफदार थे। 

1947  में जब गुलामी से आजादी मिली और देशवासी आजाद भारत में सांस ले रहे थे इसी वक्त देश की तरक्की के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था भी बनानी पड़ी। इसीलिए देश में पहली बार प्रधानमंत्री के चुनाव हुए। 

जिसमें  प्रधानमंत्री की दावेदारी के लिए चुनाव किए गए जिसमे लौह पुरुष सरदार, वल्लभभाई पटेल और आचार्य कृपलानी को वोट मिले थे। लेकिन गांधी जी के कहने पर पंडित जवाहरलाल नेहरू को देश का प्रथम प्रधानमंत्री बनाया।  पंडित नेहरू  तीन बार प्रधानमंत्री पद पर आसीन रहे और भारत की तरक्की के लिए प्रयास करते रहे। 

प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए पंडित नेहरू ने देश के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए, इसके साथ ही उन्होंने मजबूत राष्ट्र की नींव रखी और भारत को आर्थिक रुप से मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही उन्होंने भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को भी प्रोत्साहन दिया।

पंडित नेहरू आधुनिक भारत के पक्षधर थे। इसीलिए उन्होंने आधुनिक सोच पर भारत की मजबूत नींव का निर्माण किया। शांति एवं संगठन के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन की रचना की साथ ही उन्होंने कोरिया युद्ध ,स्वेज नहर विवाद सुलझाने और कांगो समझौते में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

जवाहर लाल नेहरू ने भारत के प्रति सम्मान पैदा करने का भी काम किया। इसके अलावा उन्होंने संपत्ति के मामले में विधवाओं को पुरुषों के बराबर हक दिलवाने समेत कई अन्य काम किए। नेहरु जी को  1955 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

 27 मई, 1964,  को नई दिल्ली में  दिल का दौरा  पड़ने के कारण उनकी मृत्यु हो गयी थी। उन्होंने 15 अगस्त 1947 से लेकर 27मई 1964 तक प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला था।

मौत कितने रंग बदले, ढंग बदले, तर्ज बदले। 
जब तलक जिंदा कलम है, हम तुम्हे मरने न देंगे।। 

पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक अच्छे राजनेता और प्रभावशाली वक्ता के तौर पर सभी जानते हैं साथ ही वह एक अच्छे लेखक भी थे। 

उनकी कलम से लिखा हुआ हर एक शब्द सामने वाले पर गहरा असर डालता था और लोग उनकी किताबें पढ़ने के लिए काफी उत्साहित रहते थे। 

उनकी आत्मकथा 1936 में प्रकाशित की गई पंडित नेहरू की लिखी हुई कुछ किताबें हैं। भारत और विश्व ,सोवियत रूस विश्व इतिहास की झलक, भारत की एकता और स्वतंत्रता,  ग्रुप ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री आदि

डिस्कवरी ऑफ इंडिया जिसको उन्होंने 1944 में अप्रैल सितंबर के बीच अहमदनगर की जेल में लिखा था, इस किताब को पंडित नेहरू ने अंग्रेजी भाषा में लिखा। 

इसके बाद इस पुस्तक का हिंदी समेत कई भाषाओं में अनुवाद हुआ। इस किताब में नेहरु जी ने सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर भारत की आजादी और भारत की संस्कृति धर्म और संघर्ष का वर्णन किया है।  

जवाहरलाल नेहरू भारतीय राजनीति का चमकता सितारा है जिनके इर्द-गिर्द भारतीय राजनीति का पूरा सिलसिला घूमता है। उन्होंने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बन कर गौरवान्वित किया।  

उन्होंने भारत की मजबूत नींव का निर्माण किया और शांति एवं संगठन के लिए गुटनिरपेक्ष आंदोलन की रचना की । स्वाधीनता संग्राम के योद्धा के रूप में वो यशस्वी थे और आधुनिक भारत के निर्माण के लिए उनका योगदान अतुल्य था। 

आदर्शवादी और सिद्धार्थ वादी महानायक पंडित जवाहरलाल नेहरू का मानना था कि जो इंसान अपने उद्देश्य सिद्धांत और आदर्श को भूल जाते हैं, उन्हें सफलता नहीं मिलती।

 पंडित जवाहरलाल नेहरू एक ऐसे राजनेता थे जिन्होंने अपने व्यक्तित्व का प्रकाश हर किसी के जीवन पर डाला। यही नहीं पंडित नेहरू एक समाजवादी ,धर्मनिरपेक्ष और गणतंत्र के वास्तुकार भी माने जाते थे। 

पंडित नेहरू को आधुनिक भारत का शिल्पकार भी कहा जाता है। उन्हें बच्चों से अत्यधिक लगाव था। इसलिए बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहते थे, इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस चिल्ड्रंस डे के रूप में मनाया जाता है।

नेहरू जी के विचार


 उनका कहना था कि नागरिकता देश की सेवा में निहित होती है इसी सोच के बल पर उन्हें आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। इसके साथ ही वह एक आदर्शवादी और महान स्वतंत्रता सेनानी थे। 

गुलाम भारत को आजादी दिलवाने में महात्मा गांधी का साथ दिया।नेहरू जी में देशभक्ति की भावना शुरू से ही थी। उनके जीवन से कई सीख मिलती है।वे सभी के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं ।

प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कुछ प्रमुख विचार इस प्रकार थे।  पहला विचार  नागरिकों का देश की सेवा में महत्वपूर्ण योगदान होता है, दूसरा  विचार संस्कृति, मन और आत्मा का विस्तार है।

तीसरा विचार,असफलता तभी आती है जब हम अपने आदर्श उद्देश्य और सिद्धांत भूल जाते हैं । चौथा, दूसरों के अनुभवों से लाभ उठाने वाला बुद्धिमान होता है। पांचवा, लोकतंत्र और समाजवाद लक्ष्य पाने के साधन है,स्वयं में लक्ष्य नहीं। 

और छठां विचार कहता है कि लोगों की कला उनके दिमाग का सही दर्पण है।

आधुनिक भारत के शिल्पकार 


पंडित नेहरू को आधुनिक भारत का शिल्पकार कहा जाता है। उनका जन्म 14 नवंबर को बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। महापुरुष की मृत्यु भारत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।

 इससे संपूर्ण देशवासियों को गहरा दुख पहुंचा था। उन्होंने एक अच्छे व्यक्तित्व की छाप हर किसी पर छोड़ी थी। वह एक लोकप्रिय राजनेता थे। 

उनकी कुर्बानियों और योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता इसीलिए उनकी याद में कई सड़क मार्ग, जवाहरलाल नेहरू स्कूल, टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल बनाने की शुरुआत की गई।

 पंडित नेहरू के मुख्य उद्देश्य उन के प्रधानमंत्री के कार्यकाल में लोकतांत्रिक परंपराओं को मजबूत करना, राष्ट्र और संविधान के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को स्थाई भाव प्रदान करना और योजनाओं के माध्यम से देश की अर्थ व्यवस्था को सुव्यवस्थित करना थे। इन्हीं संकल्प और उद्देश्यों ने उन्हें महान पुरुष बनाया जो कि सभी के लिए प्रेरणादाई है। 

बेस्ट शेयर जो दे सकते हैं मोटा मुनाफा 2020/ Best share to buy in 2020

आज मैं आपको 2020 के तीन  बेस्ट शेयर बताऊंगा जो आपको करोड़पति  बना सकते हैं और इसके अलावा एक ऐसा तरीका बताउंगा जिससे आप फिक्स डिपाजिट  को भूल जायेंगे।

तो अब आप जानना चाहते होंगे कि कौन से शेयर  हैं वो जो 2020  में आपको मोटा मुनाफा दिला सकते हैं  लेकिन इसके लिए पहले आपको शेयर पिक करना आना चाहिए । 

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शेयर चुनने का सरल तरीका easy tips to pick share


तो शेयर  पिक करने का कोई स्टैंडर्ड तरीका नहीं है लेकिन मैं आपको मेरे तीन सिंपल इजी तरीके बताता हूं। पहला तरीका है कि आप उन शेयर पर फोकस करें जो कि आपको अंडरवैल्यू मिल रहे हो यानी कि जो सस्ते मिल रहे हों।

क्योंकि जब आप सस्ते में खरीदेंगे तो मुनाफा ज्यादा होगा।तो यह मेरा पहला तरीका है।अच्छे रिटर्न के लिए पैसा कहाँ लगाएं

दूसरा तरीका यह है कि आप ऐसे शेयर को चुने जिनका बिजनेस का तरीका आने वाले सालों में चेंज ना हो जो शेयर बंद ना हों।अक्सर हम देखते हैं कि  लोग ऐसे शेयर में निवेश कर देते हैं जो कि 10 साल के बाद ट्रेड ही नहीं होते हैं, वह बंद हो जाते हैं तो आप ऐसे शेयर को अवॉइड करें।

इन दो तरीकों के अलावा आप ऐसे शेयर का चुनाव करें जिनके बारे में आप कुछ ना कुछ जानते हो या कभी ना कभी उनका नाम सुना हो। तो यह था शेयर पिक करने का मेरा तीसरा तरीका।

शेयर के नाम बताने से पहले आपको बताना चाहूंगा कि इस समय किस सेक्टर में निवेश करना बेहतर रहेगा। उसके बाद में आपको उन शेयर के नाम भी बताऊंगा।म्यूचुअल फंड की जानकारी हिंदी में MUTUAL FUND KI PURI JAANKARI HINDI ME


किस सेक्टर में करें निवेश Best sector to invest in


सबसे पहला है बैंकिंग  सेक्टर,तो बैंको के तो अभी एनपीए बढ़े हुए हैं। इस बढ़े हुए एन पी ए  को लेकर इस सेक्टर में काफी स्ट्रेस है। कुछ बैंक के तो एन पी ए  दुगुने भी हो गए हैं तो इसलिए आप इस सेक्टर को अभी अवॉइड कर सकते हैं।

दूसरा है रियल एस्टेट। रियल स्टेट का क्या हाल चल रहा है यह आपको और हमें सब को पता है तो आप इस सेक्टर को भी अवॉइड कर सकते हैं। धन को आकर्षित करने के वास्तु टिप्स Vaastu Tips to attract money

तीसरा सेक्टर है एफ एम सी जी सेक्टर।  एफएमसीजी यानि फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स। इस सेक्टर के कुछ वैल्यूएशन अच्छे दिखाई दे रहे हैं। पाच छः साल के निचले स्तर  पर ये  उपलब्ध है तो इस सेक्टर का चुनाव आप निवेश के लिए कर सकते हैं।

अगला सेक्टर है टेक्नोलॉजी सेक्टर , हर साल कुछ ना कुछ नई टेक्नालॉजी आ जाती है  जिसकी वजह से इस सेक्टर का अंदाजा लगाना मुश्किल है।तो इस वजह से इस सेक्टर में  निवेश करना घातक हो सकता है।म्यूचुअल फण्ड में SIP एसआईपी क्या होता है mutual fund me SIP kya hota hai in hindi

अगला सेक्टर है फार्मा सेक्टर। इस सेक्टर की बहुत सारी फार्मा कंपनीयों का  लाइसेंस  यू एस ए ( अमेरिका) का होता है तो इस तरह से  इस सेक्टर का भी अंदाजा लगा पाना बहुत ही कठिन होता है। अतः इस सेक्टर को भी नज़र अंदाज करना चाहिए। 

अगला सेक्टर जिसकी हम बात करेंगे वो है ऑटो सेक्टर। इन सेक्टर के वैल्यूएशन अभी काफी अच्छे हैं और आप इस सेक्टर का चुनाव निवेश के लिए कर सकते हैं। 

सेक्टरों की तो बात हो गई तो चलिए अब आप को बताते हैं शेयर के नाम।इनके बारे में अगर मैं आपको बताऊं तो  पहला शेयर जो है इनके बहुत ही फेमस प्रोडक्ट है मार्केट में।


निवेश के लिए बेस्ट शेयर 2020 Best share to buy in 2020


जैसे पैराशूट ऑइल, हेयर एंड केयर ऑयल,  सफोला ऑयल आदि।इनके प्रोडक्ट्स को हम सभी कभी ना कभी प्रयोग करते ही हैं । अनुमान लगाइये कि मैं कौन से शेयर की बात कर रहा हूं। 

मैं बात कर रहा हूं  marico ( मारिको) की ।ये शेयर पहले से ही काफी एक्टिव दिखाई दे रहा है और आने वाले साल में भी ये एक्टिव ही रहने वाला है,इसके अलावा  यह हमको अभी भी  सस्ते में अवेलेबल हैSIP निवेश की शुरुआत कैसे करें How to start SIP investment

और रिटर्न की बात करें तो  मैं आपको बता दूं  मारिको marico ने पिछले साल में 20 परसेंट का रिटर्न निकाल कर दिया है इन्वेस्टर्स को हर साल लगभग 20 प्रतिशत का रिटर्न जो की काफी अच्छा है। यहाँ एक बात बताना चाहता हूँ कि रिटर्न की बात किये बगैर हम निवेश के बारे में सोंच भी नहीं सकते।

दूसरे शेयर के बारे में बात करें तो  इस शेयर के कई प्रोडक्ट हैं जैसे गुड नाइट और बहुत ही फेमस प्रोडक्ट हैं गोदरेज कंज्यूमर के।और यह शेयर पिछले कई सालों से ऐसे चलता रहा है और आगे आने वाले सालों में भी ऐसे ही चलता रहेगा।

रिटर्न की बात करें तो गोदरेज कंस्यूमर  ने इंवेस्टर्स को लगभग 23 प्रतिशत का मुनाफा साल दर साल दिया है।

तीसरा और बहुत ही फेमस शेयर है मेरीे तरफ से। इनके इतने सारे प्रोडक्ट हैं कि नाम  खत्म ही नहीं होते। जैसे इनके कुछ प्रोडक्ट मैं आपको बताऊं तो सर्फ एक्सेल, सनसिल्क, क्लीनिक प्लस, फेयर एंड लवली, रेड लेबल, आदि  तो क्या आप अनुमान कर सकते हैं।

यह  शेयर कौन सा है।क्या नाम है । ये है हिंदुस्तान यूनिलीवर ( HUL) । इसके शेयर ने पिछले 10 साल से लगभग 25 प्रतिशत की दर से  सालाना रिटर्न दिया है अपने इन्वेस्टर्स को । एक बार आप चाहे कुछ पैसों से ही निवेश करके तो देखिए  फिक्स डिपॉजिट को भूल जायेंगे।म्यूचुअल फंड कितने प्रकार के होते हैं Types of Mutual Fund in Hindi

10 हजार रुपये सालाना इन शेयर में अगर 25 सालों के लिए  लगाते हैं तो इन शेयर का ट्रैक रिकॉर्ड देखते हुए आप अपने पैसों को 1.3 करोड़ तक यानि इतना बड़ा अमाउंट आफ बना सकते हैं। 
पर अगर आप इन्ही पैसों को फिक्स डिपाजिट  में लगाते है तो आप 6 से ₹700000 ही बना पाते है तो फैसला आपका है कि आपको अपने पैसों को छह से सात लाख बनाना है। 

या फिर एक करोड़ तक बनाना है।सोच समझ कर फैसला कीजिये, मुनाफा जोख़िम के  बिना कभी नहीं मिलता है। 

अगर आप ₹5000 महीने का इन्वेस्ट एस ई पी (SEP) के माध्यम से करते हैं इन शेयर में 25 सालों के लिए । तो ये कंपनीयों   के प्रिडिकटेबल रिटर्न  अगर 25  प्रतिशत ले जैसा कि पिछले 10 सालों से यह देती आयी हैं तो आप 25 सालों में सात करोड़ करोड़ जैसा बड़ा अमाउंट आप बना सकते हैं। 

इन शेयर की जगह पर अगर आप फिक्स डिपॉजिट में पैसे लगाते हैं तो 25 साल के बाद आप सिर्फ 39 लाख ही बना पाएंगे तो कहां 7 करोड़ जैसा बड़ा अमाउंट बन जाएगा शेयर मार्केट में। 

और अगर अपनी  रकम फिक्स में लगाएंगे तो आपके पैसे से 30 से चालीस लाख ही बना पाएंगे तो मैं एक बार फिर से कह रहा हूं। फैसला आपका है आपको अपने पैसों को 30 से 40 लाख तक बनाना है या फिर 7 करोड़ बनाना है। 

अगर आपको लग रहा है कि 25 साल यह तो बहुत है इतने दिन आप नहीं लगाना चाहते हैं तो आप 10 साल के लिए भी कर सकते हैं। अगर आप 10 साल के लिए करते हैं इन्हीं शेयर में 5000 रुपए हर महीने।5 बेस्ट स्किल्स जो आप कोरोनावायरस महामारी के दौरान सीख सकते हैं 5 best skills you can learn during corona virus epidemic

 तो 10 साल के बाद 23 लाख जितना बड़ा अमाउंट बना लेंगे और अगर यही पैसा फिक्स  में लगाते हैं तो वहां पर आपको 9 लाख  रुपए ही देखने को मिलेंगे।

मेरे कहने का यह मतलब नहीं है कि आप मेरे कहने  से अपना पूरा पैसा शेयर में लगा दीजिये मेरे कहने का मतलब है कि आप  हर साल छोटी रकम जैसे कि ₹10000 सालाना या 800 रूपये मासिक शेयर मार्केट में लगा कर देखिये, 

आप फिक्स डिपॉजिट को भूल जायेंगे। बड़े अमाउंट को आप फिक्स में रख सकते हैं।याद रखिये कि आपको रिस्क को अवॉइड नहीं  करना है।धन वृद्धि के चमत्कारी उपाय dhan vridhi ke chamatkari upay in hindi

आपको इसको मैनेज करना है मेरी आज ये छोटी सी कोशिश  आपको समझाने की थी, आशा है कि आप सब समझ गये होंगे।

 इस से बहुत सारा मोटिवेशन मिला होगा आपको।  एक बार आप इक्विटी डिपॉजिट करके तो देखिए सोच अपनी बदल के तो देखिए। 

एक साल में आपको रिजल्ट देखने को मिलेगा और रिजल्ट देख कर खुद ब खुद को शेयर बाजार से दूर नहीं रख पायेंगे। 

धन को आकर्षित करने के वास्तु टिप्स Vaastu Tips to attract money

यदि आप अपने जीवन में धन,वैभव को प्रचुरता से आकर्षित करना चाहते हैं। यदि आप अपने सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।  पैसा यानी धन को अपने जीवन में बचाना या पाना बहुत मुश्किल प्रतीत हो रहा है। 

आप बहुत मेहनत करते हैं फिर भी। कठिन परिश्रम तो सफलता की कुंजी है, लेकिन अगर आपको अपने भाग्य को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। घर बनाते समय वास्तु टिप्स  

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धन को आकर्षित करने के वास्तु टिप्स


तो यहाँ पर बहुत ही सरल समाधान है।  बहुत ही  सरल। पहला उपाय जो आप कर सकते हैं  उससे पहले  मैं चाहता हूं कि आप जांच लें कि आपके साथ क्या हो रहा है। 

जो आपके जीवन में एक साधारण सी बात है।  अपने घर की पूर्व दिशा जो कि धन या पैसों की कारक होती  है। चेक करें कि उस दिशा में क्या हो रहा है?  क्या आपने  वहाँ पर अपना अवांछित सामान रखा है या यह  स्थान भारी फर्नीचर के  ढेर से भरा हुआ है या यह पूरी तरह से उपेक्षित है , तो  इसमें आश्चर्यचकित बिल्कुल न हों।  

धन को आकर्षित करने का पहला उपाय 

बस यही आपके जीवन  कठिनाइयों का कारण है।  तो  पहली चीज आप जो कर सकते हैं, वह यह है कि घर के अंदर अपने घर की पूर्व दिशा में सबसे पहले हरे रंग का तत्व लाने की कोशिश करें। 

यह  हरा रंग ही  धन  कारक है जो अवसरों को बढ़ाता है, आपके लिए नए अवसर लाता है।  धनी होने और एक अच्छा वैभवशाली जीवन जीने के लिए उस क्षेत्र में हरे पौधे को लगाइये और जब आप हरे पौधे लाते हैं तो सुनिश्चित करें कि यह सुरक्षित रहे सूखने न पाए।

उन्हें नियमित रूप से पानी से सींचे। विशेष रूप से अगर आप मनी प्लांट या बांस का पौधा ला सकते हैं तो एकदम सही होगा। 

धन को आकर्षित करने का दूसरा उपाय


दूसरी चीज जो मैं चाहता हूं कि आप अपने घर में जांच करें वो है कैश बॉक्स।  आप अपने कैश बॉक्स, मनी बॉक्स या ज्वेलरी बॉक्स को कहां रखते हैं । 

और अगर यह आपके पास नहीं है, तो आपको ये जानकर हैरानी होगी कि आप अपने जिन सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ,जिसके लिए आपके पास कोई बचत नहीं हो रही है या आप अपना निवेश नहीं बढ़ा  पा रहे हैं , घर में धन की कमी है।

तो इन सब का कारण  इस कैश बॉक्स की कमी हो सकती है। अगर आपके पास अपना बैंक लॉकर है, तो यह एक अलग कहानी है।  लेकिन घर पर एक छोटा सा बॉक्स रखना चाहिए और मानसिक रूप से इसे अपना ज्वेलरी बॉक्स, कैश बॉक्स या अपने बचत बॉक्स के रूप में लेबल करें। 

अब इस चीज का ध्यान दे कि रखने का स्थान ही धन की कुंजी है। सुनिश्चित करें कि आप अपना कैश बॉक्स  जहाँ रखते हैं वो महत्वपूर्ण है, इस बॉक्स में  आप अपने चेक, खुले पैसे या जो कुछ भी आपको मिलता है। 

इसे रोज वहाँ रखना शुरू करें। सुनिश्चित करें कि आप उस बॉक्स को दक्षिण दिशा में इस तरह रखें कि कैश बॉक्स  का मुँह उत्तर की ओर हो।  यह पैसे लाने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे आप अपने धन का निर्माण शुरू कर देंगे। 

मैं दोहरा रहा हूं कि यह महत्वपूर्ण है कि आप इसे दक्षिण दिशा में रखें।

धन को आकर्षित करने का तीसरा उपाय


तीसरी चीज जो शुक्ल पक्ष में आपको करनी चाहिये वो ये कि अगले महीने आपको जितनी राशि चाहिये हो उतनी रकम का एक चेक काटें और इस बॉक्स में रखें। 

मकसद ये है कि यही  बॉक्स वह क्षेत्र है, जिसे बढ़ने की जरूरत है। इसमें बढ़ती हुई रकम आपके नसीब को जगाने का काम करती है। इससे आपको बचत की एक बड़ी राशि और धन के निर्माण में काफी मदद मिलेगी। 

लेकिन इसको आपको लगातार करना होगा, मतलब ये समझिये कि इसको करने का एक रुटीन बना लीजिये। 
आपकी समृद्धि का निर्माण शुरू करने के लिए अब मैं इसे और अधिक आकर्षित करता हूं।  


धन को आकर्षित करने का चौथा उपाय
 


एक बार जब आपने पूर्व दिशा का ध्यान रख लिया। आपके द्वारा दक्षिण दिशा में धन बॉक्स, मनी बॉक्स,  को स्थापित कर दिया तो अब आपको जो भी पैसा मिलता है,  यानी कि आपकी सैलरी, चाहे आपके वेतन को आपके बैंक खाते में डाला जा रहा है । 

तो भी कुछ भी खर्च करने से पहले उसमें से कुछ राशि जो 11 के अनुपात में हो जैसे कि 11 रुपये,1100 रुपये या 11000 हजार, इसको बैंक से निकाल कर इसे अपने कैश बॉक्स में डालें  हर महीने।  

शायद आप सोंचेंगे कि यह क्या करता है । यह प्रतीकात्मक और ऊर्जावान रूप से और अधिक धन को आकर्षित करता है। इस तरह से आप अपने धन और भाग्य का निर्माण कर रहे हैं और अधिक बचत आपके जीवन में आनी शुरू हो जाती है।यह करते रहो।  

अब अगले उपाय पर आते हैं  कि यदि आप ग्राहक को पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, यदि आप अपना विकास करना चाहते हैं,  आप अपने पैसे को खर्च होने से रोकना चाहते हैं।  


धन को आकर्षित करने का पांचवा उपाय


तो आपके अपने कार्यस्थल पर वापस चलते हैं।  और यह उपाय केवल तभी है जब आप अपना व्यवसाय करते हैं और यदि आपके पास अपना घर का व्यवसाय है, तो अपने घर के कार्यालय में अपने ईस्ट यानि कि पूर्व दिशा की जाँच ऊपर बताये नियम के अनुसार करें। घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने केउपाय 

फिर एक मिट्टी का बना हुआ एक छोटा घडा़ या मटकी ले आयें। आप इसे किसी  भी किराने की दुकान से  या फिर ऑनलाइन भी  मंगा सकते हैं।मिट्टी के बर्तन  आजकल आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।   

अब इसमें आपको एक मुट्ठी गेहूं, एक मुट्ठी  हरी मूंग, एक मुट्ठी काले तिल डाल दे। उसके बाद इसमें आपको एक मुट्ठी चावल के डालने हैं, इसके साथ ही आपको एक मुट्ठी भर सिक्के इसमें डालने हैं।लेकिन इस बात का ख्याल रखना है कि चावल साबुत होने चाहिये टूटे हुए नहीं। 

मैं एक बार फिर से सामग्री को दोहरा देता हूँ, एक मिट्टी के बर्तन में एक मुट्ठी गेहूं, एक मुट्ठी हरी मूंग एक मुट्ठी काले तिल, एक मुट्ठी चावल, और एक मुट्ठी सिक्के डाल देने हैं फिर इसको एक चौकोर लाल कपड़े से ढंकते हैं।

लाल कपड़ा आपको किसी भी कपड़े की दुकान  से मिल जायेगा। इस चौकोर लाल कपड़े से बर्तन के मुँह को बंद करके बाँध देना है। और इसे  अपने व्यवसाय स्थल में पूर्व की दिशा में रख देते हैं।और उसे एक वर्ष के लिए उस पूर्व दिशा में छोड़ देते हैं। 

एक वर्ष के बाद इसे  लेकर एक नदी पर जाएं।  इसे नदी में प्रवाहित न करें।  जो कुछ उस मटके में है  उसे मटके के साथ वहीं  नदी के किनारे पर छोड़ कर वापस आ जाएं।  

यह आपके व्यवसाय से सभी नकारात्मकता को अवशोषित कर लेता है, जो भी  हानिकारक तत्व आसपास हैं उन सबको दूर कर देता है।

यह व्यवसायिक क्षेत्र को सक्रिय करता है और आप प्रचुर धन और समृद्धि को आकर्षित करना शुरू कर देते हैं । 

यदि आप उपरोक्त बताई गयी चीजों को अपनाते हैं तो देखेंगे कि कुछ ही समय में आपके घर में धन का आगमन पहले से बहुत बेहतर हो जायेगा और सुख संपन्नता और वैभव का स्थायी वास आपके घर में होने लगेगा।